विधानसभा चुनाव 2012 में पराजित हुए कांग्रेस प्रत्याशियों की एक बैठक रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री की अध्यक्षता में हुई जिसमें उन्होंने अपने क्षेत्रों की स्थानीय समस्याओं को दूर करने तथा चुनाव लड़ने के लिए क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए सुझाव दिए। कुछ प्रत्याशियों ने जहां घरेलू गैस सिलेंडर और अधिक बढ़ाए जाने की मांग की...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं हिन्दुस्थान का समाचार के संरक्षक व मार्गदर्शक श्रीकांत जोशी की याद में सोमवार को दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन कल्ब में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रीकांत जोशी का इसी महीने आठ तारिख को मुंबई में निधन हो गया था। श्रद्धांजलि सभा में सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, भाजपा...
प्रोफेसर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की स्थापना 18 जुलाई 1946 को हुई थी और 15 जनवरी 2009 को इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्ज़ा मिला। यह विश्वविद्यालय आज अपनी केंद्रीय विश्वविद्यालय की मान्यता की चौथी सालगिरह मना रहा है। यदि अमरकंटक के अनुसूचित जनजातीय विश्वविद्यालय को छोड़ दिया...
मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के लिए तिथियों की घोषणा कर दी गई है साथ ही राज्य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव भी कराए जा रहे हैं। मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड विधानसभाओं का कार्यकाल 10 मार्च, 16 मार्च और 18 मार्च 2013 को पूरा होगा। तय कार्य प्रणाली के मुताबिक चुनाव आयोग उन राज्यों की विधानसभा के लिए आम चुनावों का आयोजन करता है, जिनका कार्यकाल...
सांप्रदायिकता चाहे कैसी भी हो वह अंततः राष्ट्रविरोधी ही होती है। वह एक धर्म के अनुयायियों को दूसरे धर्म के अनुयायियों के विरुद्ध खड़ा करने और राष्ट्र की एकता की जड़ों को खोदने का काम करती है। धार्मिक कट्टरवाद पर अधारित हिंसा को बढ़ाने के लिए सांप्रदायिक सोच ही जिम्मेदार है। भारतीय समाज और राजनीति में सांप्रदायिकता की...
असम के मूल नागरिकों को बंगलादेश के हिंदुओं की तरह से ही दोयम दर्जे का नागरिक बनाने का षड्यंत्र आकार ले चुका है। अवैध बंगलादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करने की राष्ट्रवादी मांग को सांप्रदायिक कर देने की कुत्सित राजनीति आज भी चरम पर है। असम और दिल्ली में बैठे धर्मनिरपेक्षता के झंडाबरदारो संभल जाओ, स्थिति की गंभीरता...
तुलसीदास ने गाया था “बरसहिं जलद भूमि नियराए।” अब सब कुछ रूखा-सूखा है। दूर-दूर तक न महुआ, न हहराते देशी आम के वन और न गदराई जामुन के पेड़। यूकेलिप्टस तने खड़े हैं। जमीन का सारा पानी पी गए, अघाये भी तो नहीं। वैज्ञानिक बताते हैं कि सबसे ज्यादा वे ही पानी पीते हैं। हमारे बचपन में सारे गांव जंगल के भीतर थे। हरेक घर के सामने पीछे नीम,...
जी-20 सम्मेलन में काले धन के मुद्दे पर क्या राय थी और क्या यह मुद्दा अप्रासंगिक हो चुका है या फिर इसमें कोई सुधार हुआ है? प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, यह समस्या बरकरार है, इसके समाधान के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है, यह बेहद धीमी प्रक्रिया होगी। वित्तीय प्रबंधन के मामले में भी कुछ समस्याएं...
भारतीय रेलवे ने अप्रैल से जून 2012 तक ग्रीष्मकालीन अवधि के दौरान यात्रियों की भीड़-भाड़ और असुविधा को दूर करने के लिए व्यापक इंतजाम किये हैं। गर्मियों में यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष रेलगाड़ियों के 5600 से अधिक फेरे लगाये जाने की योजना बनायी गई है। अतिरिक्त भीड़ को दूर करने के लिए लगभग 44 विभिन्न प्रमुख...
प्रधानमंत्री ने अपने सात साल का लेखा-जोखा प्रस्तुत करके यह बताना चाहा कि उनके कार्यकाल में देश ने सबसे ज्यादा प्रगति की है। हालांकि देश में सूचना क्रांति से विकास के द्वार खोलने का सेहरा तो राजीव गांधी के ही सर पर माना जाता है जिनका कार्यकाल मनमोहन सिंह से भी कम रहा है। मनमोहन सिंह को अपने संरक्षण में फल-फूल रहे भ्रष्टाचार...
वामपंथी किले की प्राचीर को चुनौती देते हुए ममता बनर्जी की यह सब रेलवे की कीमत पर पश्चिम बंगाल का चुनाव जीतने की रणनीति है। रेल बजट में ममता ने पहले अपनी राजनीति का इंतजाम किया है और देश को दूसरे नंबर पर रख कर उधार के मुनाफे का रेल बजट पेश किया है। धरातली सच्चाई तो यही है कि इस प्रकार के रेल बजट से बढ़े हुए खर्चे और महंगाई...
खामोश अर्जुन भी आज कुछ कहना चाहते हैं। उनके करीबी कह रहे हैं कि उनकी खामोशी जल्द ही टूटने वाली है। भ्रष्टाचार, घोटालों और अव्यवस्था से घिरी कांग्रेस गठबंधन सरकार में इस समय जिस तरह रहस्योद्घाटनों की झड़ी लगी है उसमें एक कड़ी अर्जुन सिंह की भी जुड़ने वाली है और वे जो बोलेंगे तो एक बार कांग्रेस में भूचाल जरूर आएगा यह अलग...
यद्यपि वैश्विक तपन और जलवायु परिवर्तन के प्रत्याशित प्रभावों का अभी भली-भांति अंदाजा नहीं लगाया जा सका है, तथापि यह निश्चित मानिए कि भविष्य में पानी की समस्या का एक विकराल रूप सामने आने वाला है। भारत में पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या की निरंतर बढ़ती मांग के कारण वैसे भी जल संसाधनों पर काफी दबाव बढ़ गया है।...
भारत में जनता अधनंगी, भूखी, प्यासी तरसे और खेलों के नाम पर कांग्रेस से नेताओं और उनसे जुड़े कारिंदे करोड़ों कमाकर मौज उड़ाएं? भारत का कानून इन कालनेमियों को अपनी जद में लेने में असहाय महसूस करे? देश की पुलिस इनमें से कई भ्रष्टाचारियों और दुराचारियों को सलाम ठोके और गरीब गुरबों को थाने की हवालात और जेल की हवा खिलाए? देश में...
भारतीय वित्त आयोग ने इन राजनीतिक वास्तविकताओं को नजरअंदाज कर दिया कि उसके सुझाये वस्तु और सेवाकर मॉडल को कुछ राज्यों ने स्वीकार नहीं किया है। वित्त आयोग ने उन राज्यों के लिए कुछ निरुत्साही शर्तें रख दी हैं, जो आयोग के आर्थिक अनुशासन और अन्य सिफारिशों को लागू नहीं करेंगे। गरीब राज्यों की विवशता यह भी है कि वे अपने यहां आर्थिक और राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए न तो अधिक कर लगा सकते...

मध्य प्रदेश
















