'भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपना विशिष्ट स्थान बनाया'
वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति मानवकल्याण वाली हो-उपराष्ट्रपतिस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 3 July 2019 02:04:44 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल मानवता के व्यापक कल्याण के लिए किए जाने का आह्वान किया है। अमरीका के फ्लोरिडा में इस महीने के आखिर में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सेटलमेंट डिजाइन प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे दिल्ली पब्लिक स्कूल आरकेपुरम के विद्यार्थियों के समूह से बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ध्यान देने की आवश्यकता वाला एक अन्य क्षेत्र होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को नई खोजों और नवाचारों के साथ सामने आने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एक साझा संसाधन है और उसके द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले फायदों तक सभी देशों की समान पहुंच होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह देखना अनिवार्य है कि अन्वेषणों और प्रयोगों के लाभ सभी देशों को उपलब्ध हों। वेंकैया नायडू ने कहा कि वैज्ञानिक प्रगति का मूलभूत लक्ष्य सामाजिक लाभ और आम आदमी के जीवन की परिस्थितियों में सुधार लाना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से प्राप्त निष्कर्षों से जनता की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। वेंकैया नायडू ने कृषि जैसे क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, हरियाली कम होने, पर्यावरणीय अवकर्षण जैसी गंभीर समस्याओं के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लाभ मिल सकता है।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों और प्रगति का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत 1975 में अपने प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट के प्रक्षेपण के समय से ही अंतरिक्ष और उससे संबंधित प्रौद्योगिकी के संबंध में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपने लिए विशिष्ट स्थान बनाया है। वेंकैया नायडू ने बेहद जटिल और उन्नत प्रौद्योगिकियों का विकास करने के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सराहना की।