'देश-विदेश हिमाचल की विकास उपलब्धियों की सराहना गर्व की बात'
यहांके प्राकृतिक सौंदर्य व आध्यात्मिक परंपराओं से विश्व भी आकर्षितस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 19 April 2023 12:27:17 PM
शिमला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनके सम्मान में हिमाचल प्रदेश सरकार के शिमला राजभवन में आयोजित भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया और भारत के राष्ट्रपति के रूपमें हिमाचल प्रदेश की अपनी पहली यात्रा के दौरान गर्मजोशी से स्वागत करने केलिए राज्य सरकार और लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि वह पहले भी हिमाचल प्रदेश का दौरा कर चुकी हैं और यहां के मिलनसार और सरल लोगों से मिलने के अपने सुखद अनुभवों को याद किया। राष्ट्रपति ने कहाकि हिमाचल प्रदेश ने हमेशा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक परंपराओं के जरिए लोगों को आकर्षित किया है, बर्फ से ढकी चोटियों से घुमावदार घाटियों तक और फूलों से भरे बगीचों, वन्यजीवों तथा वनस्पतियों से भरे जंगलों से तीर्थ स्थलों तक हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे स्थान हैं, जो दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी लोगों से आग्रह कियाकि वे हमारे देश के सुंदर और अद्भुत पर्यटन स्थलों को स्वच्छ, सुंदर एवं आकर्षक बनाए रखने और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहयोग करें। राष्ट्रपति ने कहाकि तकनीकी विकास के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में काफी बदलाव आया है, इसने अपनी अबतक की विकास यात्रा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहाकि हिमाचलवासियों केलिए यह गर्व की बात हैकि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में उनके राज्य की उपलब्धियों को राष्ट्रीयस्तर पर सराहना मिली है और उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि हिमाचल प्रदेश ने कई क्षेत्रों में अन्य राज्यों को भी समृद्धि का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहाकि इसका श्रेय हिमाचल प्रदेश के मेहनती और ईमानदार लोगों के संकल्प, इच्छाशक्ति और प्रयासों को जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि हिमाचलवासी अपनी संस्कृति और प्राकृतिक संपदा को सहेजते हुए विकास के पथपर अग्रसर रहेंगे और देश के दूसरे राज्यों केलिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत के प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद में हिमाचल प्रदेश से जुड़े कई उल्लेख मिलते हैं, यहां बहने वाली सतलुज और ब्यास नदियों का विशेष वर्णन भी किया गया है, अनेक नदियों के उद्गम स्थल और पहाड़ों के इस क्षेत्र को तपोभूमि के रूपमें भी जाना जाता है। उन्होंने कहाकि हिमाचल प्रदेश में अनेक प्राचीन मंदिर तथा धार्मिक स्थल हैं, भारत के शक्तिपीठों में से अनेक शक्तिपीठ इस राज्य में हैं, प्रसिद्ध धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्रों में आनेवाले देश-विदेश के पर्यटक यहां एक विशेष जीवंतता का अनुभव करते हैं, उदाहरण केलिए देश-विदेश के लोग कुल्लू में दशहरा मनाने आते हैं। उन्होंने कहाकि यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक परम्पराओं के बलपर सदैव लोगों को आकर्षित करता है, हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन शिमला और कुल्लू-मनाली गर्मी की छुट्टियों के पसंदीदा गंतव्य हैं, इसकी घाटियों का सौंदर्य और यहां के हरे-भरे उद्यान सभी के मन को मोह लेते हैं।
राष्ट्रपति ने कहाकि हिमाचल के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देते आए हैं, इसलिए हिमाचल प्रदेश को देवभूमि केसाथ वीरभूमि भी कहा जाता है, आज़ादी की लड़ाई में हिमाचल का योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित है और यहां के लोगों केलिए यह गर्व का विषय हैकि वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को सर्वोच्च बलिदान केलिए देश के पहले परमवीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है, वे मात्र 24 वर्ष की छोटी सी आयु में वीरगति को प्राप्त हो गए थे, उसके पश्चात कर्नल डीएस थापा, कैप्टन विक्रम बतरा तथा राइफलमैन संजय कुमार कोभी उनके असीम शौर्य केलिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है, इस वीरभूमि के वीर जवानों को मातृभूमि की रक्षा, अदम्य साहस और शौर्य केलिए दो अशोक चक्र तथा एक हज़ार सेभी अधिक वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश के वीर सपूतों और उनके परिजनों को नमन किया। राष्ट्रपति ने कहाकि विश्व में सबसे अधिक 10000 फीट की ऊंचाई पर बना सिंगल ट्यूब टनल अटल टनल भी हिमाचल प्रदेश में ही है और खुशी की बात हैकि राज्य के किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं।