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अयोध्या। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के फैसले के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और बाबरी मस्जिद मुद्दई के बीच समझौते की कोशिशों जारी हैं। दोनों संप्रदायों को उम्मीद है कि कोई सर्वमान्य समाधान निकल आएगा। इसीकी रोशनी में अयोध्या वेलफ़ेयर सोसायटी के सदर सादिक अली उर्फ़ बाबू खां भी आगे बढ़ रहे हैं। बाबू खां वो हैं जो रामलला की पोशाक सिलने का काम भी करते हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानदास और बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी के प्रयासों को मुस्लिम समुदाय में भी सराहा जा रहा है और जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।उन्होंने कहा कि जल्द ही कौम के लोग आगे बढ़कर इस फ़ैसले को हाथों-हाथ लेंगे। अयोध्या का आम मुसलमान चाहता है कि मुद्दे का शांति एवं बातचीत से कोई ठोस और सर्वमान्य समाधान निकले ताकि हमेशा के लिए अयोध्या में खौफ़ के बादल छंट सकें। बाबू खां का कहना है कि उच्च न्यायालय के फ़ैसले में विवादित परिसर के जो तीन हिस्से किए गए हैं, वे मंदिर-मस्जिद के लिए अपर्याप्त हैं। ऐसे में सुलह के जरिए मंदिर मस्जिद की जगह तय करनी होगी और दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे का सहयोग कर मंदिर-मस्जिद निर्माण में अपनी भूमिका से मिसाल कायम करेंगे।