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एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा का दीक्षांत समारोह

विश्वविद्यालय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित व सम्मानित करें-पीयूष गोयल

'भारतीय राजनीति को और ज़्यादा और मज़बूत जननेताओं की ज़रूरत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 6 December 2025 06:34:18 PM

convocation ceremony of amity university noida

नोएडा। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के दीक्षांत समारोह में कहा हैकि किसी विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिभाशाली प्रतिभाओं को वापस लौटने केलिए प्रोत्साहित करने, उनकी क्षमताओं को निखारने और उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करने से बड़ा कोई योगदान नहीं हो सकता, जो उनकी क्षमता को पहचाने और उनका सम्मान करे। ऑनलाइन और कैंपस में शिक्षा प्राप्त करनेवाले लगभग 29000 छात्रों के स्नातक बैच को बधाई देते हुए पीयूष गोयल ने कहाकि मेधावी पुरस्कृत विद्यार्थियों की उपलब्धियां ही इस समारोह का मुख्य आकर्षण हैं। पीयूष गोयल ने छात्रवृत्तियों के माध्यम से योग्यता केप्रति एमिटी विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की सराहना की, जो आवश्यकता रहित प्रवेश को संभव बनाती हैं। उन्होंने इस बातपर संतोष व्यक्त कियाकि आधी छात्र संख्या युवा महिलाओं की है और विश्वविद्यालय की मज़बूत नवाचार संस्कृति की प्रशंसा की, जहां छात्रों के पास 450 से अधिक पेटेंट हैं। उन्होंने ध्यान दिलायाकि 50 संकाय सदस्य रामलिंगम स्वामी फेलो हैं, जो राष्ट्र की सेवा केलिए वापस लौटे हैं।
उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की विरासत को याद करते हुए समानता, सामाजिक सद्भाव और सभी केलिए अवसर के संवैधानिक मूल्यों को दोहराया। उन्होंने कहाकि शिक्षा वंचित वर्गों के उत्थान का आधार है और छात्रों को समाज और राष्ट्र केप्रति उनके कर्तव्यों का स्मरण कराया। उन्होंने स्नातकों को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया और कहाकि अगले 25 वर्ष विकसित भारत केलिए निर्णायक युग होंगे। उन्होंने छात्रों से अपने चुने हुए क्षेत्रों को अगले स्तरतक लेजाने, सीमाओं को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय प्रगति में सार्थक योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लालकिले की प्राचीर से दिए गए संबोधन का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने एक लाख युवक-युवतियों से सार्वजनिक जीवन और राजनीति को एक व्यवसाय के रूपमें अपनाने की अपील की थी। पीयूष गोयल ने कहाकि राजनीति में ऐसे समर्पित व्यक्तियों की आवश्यकता है, जो राष्ट्र केलिए काम करने को तत्पर हों, सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी बनाए रखें और देश के 140 करोड़ नागरिकों को अपनी ज़िम्मेदारियों और कर्तव्यों को समझने केलिए प्रेरित करें, पहले अपने परिवार केप्रति, फिर समाज केप्रति और अंततः राष्ट्र केप्रति।
पीयूष गोयल ने आशा व्यक्त कीकि विश्वविद्यालय छात्रों को सार्वजनिक जीवन और राजनीति को और गहराई से समझने केलिए प्रोत्साहित करेंगे और यहभी बतायाकि एमिटी विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान को एक विषय के रूपमें पढ़ाता है। उन्होंने सुझाव दियाकि संस्थान छात्रों को निर्वाचित प्रतिनिधियों केसाथ इंटर्नशिप केलिए भेजने पर विचार कर सकते हैं, ताकि वे शासन और लोकसेवा को प्रत्यक्ष रूपसे समझ सकें और यहभी कि वे एकदिन इसे औरभी बेहतर कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि भारतीय राजनीति को और अधिक अच्छे लोगों और मज़बूत जननेताओं की ज़रूरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि अगर और अधिक नेकनीयत युवा लड़के और लड़कियां सार्वजनिक जीवन में शामिल हों तो भारत किसीकी कल्पना सेभी अधिक तेज़ीसे एक महाशक्ति बन सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री का हवाला दिया, जिन्होंने बार-बार कहा हैकि भारत का भविष्य ‘करने योग्य पीढ़ी’ के हाथों में है, युवा एक नए भारत का निर्माण करेंगे। उन्होंने छात्रों को याद दिलायाकि इस अमृतकाल में भारत का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उनपर है और इस यात्रा केलिए आवश्यक मार्गदर्शक सिद्धांतों पर विचार किया।
उद्योग मंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस का संबोधन प्रत्येक नागरिक केलिए एक मार्गदर्शक है। उन्होंने कहाकि अगर 140 करोड़ भारतीय इन सिद्धांतों को अपने जीवन में अपना लें तो भारत का भविष्य बहुत सफल होगा और छात्रों से इन सिद्धांतों पर विचार करने और देश के जिम्मेदार नागरिक के रूपमें जो भी उनके साथ प्रतिध्वनित होता है, उसे आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उद्योग मंत्री ने सुझाव दियाकि विश्वविद्यालय पश्चिमी परिधानों के बजाय राष्ट्रीय गौरव को दर्शाने वाले पारंपरिक भारतीय दीक्षांत समारोह परिधान अपनाएं। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित कियाकि वे किसीको यह तय न करने देंकि उन्हें कैसे सोचना, कार्य करना या सपने देखने चाहिए। उन्होंने कहाकि शिक्षा केवल व्यक्ति केलिए नहीं, बल्कि परिवार, समुदाय और राष्ट्र केलिए है। उन्होंने स्नातकों को याद दिलायाकि उनका कर्तव्य हैकि वे अपने कौशल और ज्ञान का उपयोग देश की सेवा केलिए करें और विकसित भारत 2047 में योगदान दें। पीयूष गोयल ने शिक्षकों और अभिभावकों के अनुकरणीय योगदान की सराहना की। उन्होंने छात्रों को अपने मातृ संस्थान से जुड़े रहने और अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करने केलिए भी प्रोत्साहित किया।

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