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उप्र के कलाकारों का सम्मान

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कलाकारों का सम्मान-artist's honour

लखनऊ। कलाकार किसी एक स्थान पर ही नहीं मिलता, शहर-गांव सभी जगह कलाकार मौजूद हैं लेकिन आवश्यकता है उनको तलाशने और उन्हें मंच उपलब्ध कराने की। संगीत, गाना, नाचना ही कला नहीं बल्कि खेलों में रुचि रखना भी एक कला ही है। ये बातें जनसंस्कृति फिल्म प्रोड्यूसर एसोसिएशन उप्र के अध्यक्ष एवं राधे मोहन फिल्म्स के निदेशक अखिलेश उपाध्याय उर्फ राजू बाबा ने संस्था के गठन एवं कलाकार सम्मान समारोह में कही।

संस्था ने यह कार्यक्रम 'क्रिसमस डे' के अवसर पर बाल्मीकि रंगशाला, संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर में आयोजित किया था। इसमें उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों के विभिन्न विधाओं के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डीएन लाल ने दीप प्रज्ज्वलित करके की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डिप्टी रजिस्ट्रार उमाशंकर सिंह, अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय की मौजूदगी में अनेक जिलों के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति में लोक गायक संतोष राय, रत्ना दुबे, राखी दुबे, राजू कुमार, संजय श्रीवास्तव, गोविन्द ओझा, लोकनृत्य प्रियांक्षी, शिखा, सपना और अन्नू ने प्रस्तुत किया। इसके अलावा पंकज मोदी, अमरनाथ शर्मा ने भी गीत गाए। कार्यक्रम में संस्था के सलाहकार एसपी सिंह, फिल्म कलाकार अनिल देवा, रवि ठाकुर, अमित श्रीवास्तव, आकांक्षी श्रीवास्तव, जमील अहमद सहित सैकड़ों की संख्या में कलाकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन लोक गायक संतोष राय ने किया गया। संतोष राय का एलबम 'बिजुरिया कहां गिरईबू' भी गणमान्य व्यक्तियों ने लांच किया।

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