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नई दिल्ली। लोकसभा सासंद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने गुरूवार को राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल से शिष्टाचार मुलाकात की। मुलाकात में पुनिया ने राष्ट्रपति का उनको आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने पुनिया को अपने अनुभव एवं जानकारी के आधार पर बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण है, इसके जरिये प्रत्येक मंत्रालय में संचालित की जा रहीं विभिन्न योजनाओं का लाभ दलित एवं पिछड़े समाज से सम्बन्धित अन्तिम व्यक्ति तक पहुचने का मूल्यांकन किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि यदि महिलाओं को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाता है तो इसका लाभ पूरे परिवार को होता है, क्योकि महिलाएं पुरूषों की अपेक्षा पूरी कमाई घर लेकर जाती हैं। पुनिया ने राष्ट्रपति को विश्वास दिलाते हुए कहा कि उनकी नजर समाज के अन्तिम नागरिक तक है और वे उनकी और देश की आशाओं पर पूर्णतः खरा उतरने का प्रयास करेंगे।
आरएसएस पर प्रतिबंध लगे
पीएल पुनिया ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में आरएसएस के पूर्व प्रमुख केएससुदर्शन कीटिप्पणी को अमर्यादित मानतेहुए कहाकि इस प्रकार की टिप्पणी दिमागी दिवालियापन का प्रतीक है और ऐसा वक्तव्य कोई अशिक्षित, अनपढ़ एवं महामूर्ख व्यक्ति ही दे सकता है।पुनिया काकहना हैकि आरएसएस हमेशा जनता में भ्रम औरसांप्रदायिकता फैलाने का काम करती है। इसकी गतिविधियों पर कठोर अंकुश तथा प्रतिबंधलगाया जाना चाहिए। पूनिया ने यह भीकहा किसोनिया गांधी की देशभक्ति एवं राष्ट्रप्रेम को समय-समय पर भारत की जनता देख चुकी है, इसके लिए किसी भीसंगठन से प्रमाण-पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है।भारत की जनता पूर्णतः परिचित है कि सोनियागांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार दलित, पिछ़डे, अल्पसंख्यक, किसानऔर मजदूरों के हित में काम कर रही है और भाजपा पूरी तरह हासिये पर जा चुकी है, वर्तमान बयान उसी बौखलाहट में दिया गयाहै, जिसकी कड़े शब्दों मेंनिंदा की जानी चाहिए।