पंचायती राज संस्था की एसटी महिला प्रतिनिधि राष्ट्रपति से मिलीं
'निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में जिम्मेदारी का निर्भीकता से निर्वाह करें'स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 7 January 2025 11:45:50 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कल पंचायती राज संस्थाओं की अनुसूचित जनजाति की महिला प्रतिनिधियों के एक समूह ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने भी महिला प्रतिनिधियों से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की। यह समूह दिल्ली में है। उन्होंने ‘पंचायत से संसद’ पहल केलिए राष्ट्रीय महिला आयोग, लोकसभा सचिवालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय की सराहना की। राष्ट्रपति ने महिला प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहाकि हमारे लोकतंत्र की ताकत इसकी समावेशिता और प्रत्येक व्यक्ति विशेषकर महिलाओं के सशक्तीकरण में निहित है, इस महत्व को पहचानकर हमारे संविधान निर्माताओं ने महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया, बहुत से विकसित देशोंमें महिलाओं को मताधिकार केलिए संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन भारत के संविधान में बिना भेदभाव के वयस्क महिलाओं और पुरुषों को मताधिकार प्रदान किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि पंचायती राज संस्थाएं हमारे लोकतंत्र की आधारशिला हैं, वे जमीनी स्तरपर शासन और सामुदायिक विकास केलिए एक मंच प्रदान करती हैं और इन संस्थाओं की महिला सशक्तीकरण में उल्लेखनीय भूमिका है। महिला प्रतिनिधियों ने संसद भवन परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के सम्मुख श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने कहाकि जब हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं, तब हम सबका यह प्रयास होना चाहिएकि जनजातीय समुदाय की विरासत का सम्मान करते हुए उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़े, जनजातीय समुदाय की बेटियों और बहनों कोभी राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने केलिए उचित अवसर प्रदान किए जाएं, हमारा यह प्रयास भगवान बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राष्ट्रपति ने कहाकि देशभर में लगभग 14 लाख महिलाएं पंचायती राज संस्थाओं और ग्रामीण स्थानीय निकायों में निर्वाचित सदस्य के रूपमें काम कर रही हैं, जो कुल निर्वाचित प्रतिनिधियों का 46 प्रतिशत है। उन्होंने कहाकि इस भागीदारी को और ज्यादा मजबूत करने केलिए अधिकांश राज्यों ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। राष्ट्रपति ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार देश और देशवासियों के समग्र विकास के तेजगति से कार्य कर रही है, अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंचायती राज संस्थाओं की महिला प्रतिनिधियों से आग्रह कियाकि वे पात्र लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने केलिए जागरुक करें, ताकि वे लाभार्थी बन सकें। उन्होंने यहभी आग्रह कियाकि वे सुनिश्चित करेंकि बच्चों का समय पर टीकाकरण हो, गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण मिले और बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़ें। उन्होंने कहाकि वे दहेज, घरेलू हिंसा और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान चलाएं। राष्ट्रपति ने महिला प्रतिनिधियों को पंचायतों में निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूपमें जिम्मेदारियों का निर्भीक होकर निर्वाह करने को कहा। उन्होंने कहाकि पंचायत प्रतिनिधि के रूपमें उन्हें ग्रामीणों के आपसी विवादों को सुलझाने का अधिकार है, उन्हें इस अधिकार का समुचित उपयोग करना चाहिए और ग्रामीणों केबीच विवादों को पंचायत स्तरपर ही सुलझाने का प्रयास करना चाहिए, इससे न केवल लोगों के संसाधनों और समय की बचत होगी, बल्कि आपसी सौहार्द भी बढ़ेगा।