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'शिवचरित देश के हर बच्चे को पढ़ाया जाए'

छत्रपति शिवाजी की 345वीं पुण्यतिथि पर बोले गृहमंत्री अमित शाह

मोदी सरकार में शिवाजी महाराज के स्वराज स्वधर्म स्वभाषा को बढ़ावा

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Saturday 12 April 2025 06:05:24 PM

amit shah spoke on the death anniversary of chhatrapati shivaji

रायगढ़ (महाराष्ट्र)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र के रायगढ़ किले पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा हैकि हमारा दायित्व हैकि भारत के हर बच्चे को शिवचरित पढ़ाया जाए, शिवराय यानि शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रखना चाहिए, पूरा देश और दुनिया उनसे प्रेरणा ले सकती है। अमित शाह ने कहाकि जहां हिंदवी स्वराज का स्वर्ण सिंहासन प्रस्थापित हुआ, उस ऐतिहासिक रायगढ़ किले पर आना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहाकि यह ऐतिहासिक रायगढ़ किला बाल शिवा से लेकर छत्रपति के अंतिम समय तकके इतिहास का साक्षी है। उन्होंने कहाकि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदुस्तान के कण-कण में स्वधर्म, स्वभाषा और स्वराज केलिए अपने प्राणों की आहुति देने एक अमर जिजीविषा पैदा की और देखते ही देखते चारों ओर आदिलशाही, मुगलशाही, निजामशाही से घिरा हुआ महाराष्ट्र हिंदवी स्वराज में बदल गया और अगले कुछही वर्ष में अटक से कटक, बंगाल और दक्षिण में तमिलनाडु समेत पूरे देश में स्वराज का स्वप्न सफल होता दिखाई दिया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि जब शिवाजी महाराज का जन्म हुआ, उस समय देश की जनता घोर अंधकार में डूबी थी, ऐसा वातावरण थाकि किसीके मन में स्वराज की कल्पना आना भी दुष्कर था, देवगिरी के पतन केबाद 100 साल के अंदरही महाराष्ट्र से लेकर समग्र दक्षिण का पतन हुआ और धीरे-धीरे स्वधर्म और स्वराज की बात को लोग गुनाह समझने लगे, लेकिन ऐसे समय में 12 साल के एक बच्चे ने अपनी माँ जीजाबाई की प्रेरणा से सिंधु से कन्याकुमारी तक एकबार फिर भगवा फहराने की प्रतिज्ञा की। अमित शाह ने कहाकि उन्होंने दुनिया के कई नायकों के जीवन चरित्र पढ़े हैं, मगर ऐसी दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य साहस, अकल्पनीय रणनीति और समाज के हरवर्ग को साथ रखकर एक अपराजेय सेना का निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज के अलावा किसी और ने नहीं किया। अमित शाह ने कहाकि छत्रपति शिवाजी महाराज केसाथ न भाग्य था, न अतीत उनके साथ था और न ही धन एवं सेना उनके पास थी, लेकिन उन्होंने बहुत कम उम्र में अपने अदम्य साहस और संकल्प केसाथ देश को स्वराज का मंत्र दिया और देखतेही देखते 200 साल से चल रही मुगल शाही को चकनाचूर करने का काम किया। उन्होंने उल्लेख कियाकि जब शिवाजी महाराज की सेना अटक, बंगाल, कटक और तमिलनाडु तक पहुंची, तब सभीको भरोसा हुआकि देश, स्वधर्म, देश की भाषाएं और संस्कृति बच गई हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि भारत को दुनिया में हर क्षेत्रमें प्रथम बनाने की मूल कल्पना शिवाजी महाराज ने रखी थी। उन्होंने कहाकि देश की आजादी के 75 साल केबाद आज हम दुनिया के सामने सर उठाकर खड़े हैं और संकल्प करते हैंकि जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब भारत दुनिया में हर क्षेत्रमें प्रथम स्थान पर होगा। अमित शाह ने कहाकि राजमाता जीजाबाई ने न केवल छत्रपति शिवाजी महाराज को जन्म दिया, बल्कि उन्हें स्वराज, स्वधर्म और स्वभाषा का पुनरोद्धार करने की प्रेरणा भी दी थी। उन्होंने बतायाकि शिवाजी जब बहुत कम उम्र के थे, तब उन्हें समग्र देश को स्वतंत्र कराने और हिंदवीसाम्राज्य का संस्थापक बनाने का विचार भी जीजाबाई ने दिया था। अमित शाह ने कहाकि जीजाबाई ने बाल शिवाजी को संस्कार दिए और शिवाजी ने उन संस्कारों को वटवृक्ष बनाया। उन्होंने कहाकि शिवाजी केबाद संभाजी महाराज, महारानी ताराबाई, संताजी और तानाजी मुगल शासक औरंगजेब के जिंदा रहने तक उससे लड़ते, जूझते रहे और परिणाम यह हुआकि अपने आपको आलमगीर कहने वाले इंसान की महाराष्ट्र में हार हुई और उसकी समाधि भी यहीं है। गृहमंत्री ने कहाकि स्वधर्म पर अभिमान, स्वराज की आकांक्षा और स्वभाषा को अमर बनाने के विचार मानव जीवन के स्वाभिमान केसाथ जुड़े हैं, मानव जीवन के स्वाभिमान के इन तीन मूल चरित्र को शिवाजी महाराज ने देश-दुनिया के सामने रखा।
अमित शाह ने कहाकि शिवाजी महाराज ने ऐसे समय में यह किया, जब आक्रांताओं ने हमें रौंद दिया था और पराजित कर दिया था, गुलामी की मानसिकता पैदा हो गई थी, लेकिन शिवाजी महाराज ने गुलामी की मानसिकता को तोड़कर फिरसे हिंदवीसाम्राज्य को स्थापित किया। अमित शाह ने कहाकि शिवाजी महाराज के जन्म से लेकर उनकी अंतिम सांस तक का इतिहास रायगढ़ की पवित्र भूमि में है। उन्होंने इस पवित्र भूमि को शिव स्मृति बनाने केलिए महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को भी याद किया। अमित शाह ने कहाकि अंग्रेजों ने सोच-समझकर रायगढ़ किले को तोड़ने का काम किया था, क्योंकि यह किला स्वराज का प्रतीक था, तिलकजी ने यह बात समझ ली और ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ के नारे के जरिए उन्होंने शिवाजी महाराज के स्वराज के संकल्प को फिरसे प्रस्थापित करने का काम किया। अमित शाह ने कहाकि बाल गंगाधर तिलक ने इस स्मारक केलिए संघर्ष शुरु किया, उनके जीवनकाल में तो यह काम नहीं हो सका, पर अंग्रेजों के शासन के दौरान ही शिव जयंती से स्वराज तकका स्मारक यहां बना और वहीं से हमारी आजादी की लड़ाई शुरू हुई। उन्होंने कहाकि बाल गंगाधर तिलक के इस पुण्य कार्य को आगे बढ़ाने का काम महाराष्ट्र सरकार कर रही है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि रायगढ़ स्मारक को अनेक प्रकार की सुविधाएं देकर इसे देश के युवाओं केलिए पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि प्रेरणा स्थल बनाने केलिए केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार कटिबद्ध हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने की अपील कीकि 7वीं से 12वीं कक्षा का हर विद्यार्थी एकबार इस पुण्य स्थली पर जरूर आए। अमित शाह ने कहाकि शिवाजी महाराज ने प्रशासन के क्षेत्रमें ढेर सारे सिद्धांत स्थापित किए, उनके अष्ट प्रधान मंडल की कल्पना को हमने कैबिनेट के रूपमें अपनाया है और कैबिनेट अष्ट प्रधान मंडल का ही विस्तृत स्वरूप है। उन्होंने कहाकि शिवाजी महाराज ने अपने काम से सुशासन का दृष्तांत प्रस्थापित करने का काम किया। गृहमंत्री ने कहाकि शिवाजी महाराज का अंतिम संदेश थाकि स्वराज, स्वधर्म के सम्मान और स्वभाषा को अमर बनाने की लड़ाई कभी रुकनी नहीं चाहिए। अमित शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार में आज यह लड़ाई गौरव केसाथ आगे बढ़ रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विश्वभर में गौरवमय स्थान दिलाने का काम किया है। उन्होंने जिक्र कियाकि शिवाजी महाराज ने काशी विश्वनाथ मंदिर के उद्धार, सभी ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचने और श्रीराम जन्मभूमि का उद्धार करने को कहा था।
अमित शाह ने कहाकि औरंगजेब द्वारा तोड़े गए काशी विश्वनाथ मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाकर पुनर्जीवित करने का कार्य भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने कर दिखाया है और शिवाजी महाराज के संदेश को पूरा करने में जो कुछ बाकी है, उसे पूर्ण करने केलिए पूरा देश कटिबद्ध है। अमित शाह ने कहाकि शिवाजी महाराज का मतलब संकल्प, समर्पण, बलिदान, शौर्य, स्वाभिमान और स्वराज की अमर जिजीविषा है। उन्होंने कहाकि महाराष्ट्र सरकार ने छत्रपति शिवाजी को घर-घर तक पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। उन्होंने जिक्र कियाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवाजी महाराज की राज मुद्रा को भारतीय नौसेना का प्रतीक बनाकर पूरी दुनिया में घोषणा कीकि हमारा देश और हमारा स्वराज पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार 12 ऐतिहासिक किलों को यूनेस्को से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाने का प्रयास कर रही हैं। शिवाजी महाराज के पुण्यतिथि कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार, केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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