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Tuesday 13 May 2025 05:00:42 PM
नई दिल्ली। बुद्ध पूर्णिमा पर राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की विधिविधान केसाथ उपासना की गई। बुद्ध पूर्णिमा को वैसाक या बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रीय संग्रहालय में भगवान बुद्ध की भक्ति, संस्कृति और कलात्मक अभिव्यक्ति से ओतप्रोत आयोजन में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भगवान बुद्ध को पुष्पांजलि अर्पित की। किरेन रिजिजू ने वैश्विक बौद्ध समुदाय को शुभकामनाएं दीं और दुनियाभर में बुद्ध की करुणा और सद्भाव की शिक्षाओं की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों केप्रति इतनी व्यापक भागीदारी और श्रद्धा देखकर गहरी संतुष्टि व्यक्त की। केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने भगवान बुद्ध के जीवन की घटनाओं विशेष रूपसे आठ महान चमत्कारों (अष्टमहाप्रतिहार्य) को दर्शाने वाले स्तंभों में से एकपर ध्यान केंद्रित किया।
बुद्ध पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने महायान और वज्रयान बौद्ध धर्म में विभिन्न बौद्ध देवताओं की प्रतिमाओं केप्रति कौतुहल दिखाया, जिसमें बोधिसत्व, मुकुटधारी बुद्ध, पारलौकिक बुद्ध (पंचतथागत), देवी और सहायक देवता (इष्टदेवता) शामिल हैं। राष्ट्रीय संग्रहालय में बुद्ध गैलरी में कला और पुरावशेषों के लुभावने संग्रह में भगवान बुद्ध के जीवन, शिक्षाओं और स्थायी दर्शन की खोज के बारेमें जानकारी दी गई। उत्तर प्रदेश के पिपरहवा से खुदाई करके लाए गए कपिलवस्तु के अवशेष गैलरी में मुख्य आकर्षण का केंद्र थे। प्रदर्शनी में बौद्ध धर्म के विकास को मथुरा और गांधार में प्रारंभिक प्रतीकात्मक चित्रण से लेकर सारनाथ, पाल, चोल और भौमकारा काल के दौरान इसके शैलीगत विकास तक दर्शाया गया। महायान और वज्रयान परंपराओं में बोधिसत्व, पंचतत्वगत और इष्टदेवता की प्रतिमाओं ने आध्यात्मिक और कलात्मक अनुभव को समृद्ध किया। इस पवित्र अवसर को औरभी अधिक जीवंत बनाने केलिए थंगका गैलरी ने भी चार चांद लगाए, जहां भावचक्र (जीवन का पहिया) सहित बेहतरीन स्क्रॉल पेंटिंग ने दर्शकों का मन मोह लिया।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भगवान बुद्ध की भक्ति कलाकृतियों में परिलक्षित प्रतीकात्मकता और ध्यानपूर्ण मूल्य की गहराई की प्रशंसा की। बुद्ध पूर्णिमा पर समारोह में युवा और वृद्ध आगंतुकों ने इंटरैक्टिव कार्यशालाओं और डीआईवाई काउंटरों की श्रृंखला में भाग लिया, जिसमें प्रार्थना ध्वज निर्माण, बौद्ध प्रतिमा विज्ञान सीखना, थंगका कलरिंग शीट, सेल्फी बूथ, लघु बुद्ध शिल्पकला और बौद्ध फिल्म प्रदर्शन जैसी गतिविधियां शामिल थीं। बुद्ध गैलरी में भगवान बुद्ध की चिरस्थायी विरासत और आध्यात्मिक मार्गदर्शन को दर्शाया गया था। राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक गुरमीत सिंह चावला, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महानिदेशक अभिजीत हलदर, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव समर नंदा, भिक्षु, विद्वान और बड़ी संख्या में आगंतुक उपस्थित थे।