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भारत-थाईलैंड के सदियों पुराने संबंधों का नया दौर

प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर थाईलैंड पहुंचे नरेंद्र मोदी

भारत और थाईलैंड के बीच विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहयोग समझौते

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 3 April 2025 06:40:52 PM

cooperation agreements in various fields between india and thailand

बैंकॉक/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा और छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने केलिए खूबसूरत स्वर्ण भूमि थाईलैंड पहुंचे, जहां उनका और उनके साथ भारतीय डेलीगेशन का गर्मजोशीभरा स्वागत और आतिथ्य सत्कार हुआ। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा को आभार व्यक्त किया और बैंकॉक में 28 मार्च को आए भूकंप में हुई जनहानि केलिए भारत के लोगों की ओर से गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। थाईलैंड की प्रधानमंत्री केसाथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं एवं बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अयुत्थया से नालंदा तक विद्वानों का आदान-प्रदान हुआ है, रामायण की कथा थाई लोकजीवन में रची-बसी है और संस्कृत-पाली के प्रभाव आजभी भाषाओं और परंपराओं में झलकते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं थाईलैंड सरकार का आभारी हूंकि मेरी यात्रा के उपलक्ष्य में 18वी शताब्दी की ‘रामायण’ म्यूरल पेंटिंग्स पर आधारित एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा ने उन्हें त्रिपिटक भेंट की, जिसे बुद्धभूमि भारत की ओर से उन्होंने इसे हाथ जोड़कर स्वीकार किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछले वर्ष भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष को भारत से थाईलैंड भेजा गया, यह बहुत खुशी की बात हैकि चार मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन करने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर यहभी घोषणा कीकि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले पवित्र अवशेष को भी थाईलैंड दर्शन केलिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहाकि इस वर्ष भारत में महाकुंभ में भी हमारा पुराना कनेक्शन दिखाई दिया, थाईलैंड समेत अन्य देशों से 600 से अधिक बौद्ध श्रद्धालु इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सभा का हिस्सा बने, महाकुंभ महापर्व ने वैश्विक शांति और सामंजस्य का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी और भारत-प्रशांत विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है, आज हमने अपने संबंधों को स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का रूप देने का निर्णय लिया है, सुरक्षा एजेंसियों केबीच स्ट्रैटेजिक डायलॉग करने पर भी चर्चा की। उन्होंने कहाकि साइबर क्राइम के शिकार भारतीयों को वापस भारत भेजने में थाईलैंड सरकार से मिले सहयोग केलिए हमने थाईलैंड सरकार का आभार प्रकट किया, हम सहमत हैंकि हमारी एजेंसियां मानव तस्करी और अवैध प्रवास के खिलाफ एकजुट होकर काम करेंगी। उन्होंने कहाकि हमने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और थाईलैंड केबीच पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया है, आपसी व्यापार, निवेश केबीच आदान प्रदान बढ़ाने पर हमने बात की, एमएसएमई, हथकरघा और हस्तशिल्प में भी सहयोग केलिए समझौते किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, ई-वाहन, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष, जैव-प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप में सहयोग को बढ़ाने का हमने निर्णय लिया है, भौतिक संपर्क केसाथ दोनों देशों केबीच फिनटेक कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहाकि लोगों केबीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत ने थाई पर्यटकों केलिए निःशुल्क ई-वीज़ा सुविधा देनी शुरू कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आसियान भारत का व्यापक रणनीतिक साझेदार है और इस क्षेत्रमें मैरीटाइम पड़ोसी देशों के नाते क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि में हमारे साझा हित हैं। उन्होंने कहाकि भारत आसियान एकता और केंद्रीयता का पूर्ण समर्थन करता है, इंडो-पैसिफिक में स्वतंत्र, खुला, समावेशी और नियम आधारित आदेश का हम दोनों समर्थन करते हैं। उन्होंने कहाकि हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की नीति में विश्वास रखते हैं, इंडो-पैसिफिक महासागरों की पहल 'समुद्री पारिस्थितिकी' पिलर को सह नेतृत्व करने के थाईलैंड के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि वे बिम्सटेक समिट में भाग लेने केलिए उत्सुक हैं, थाईलैंड की अध्यक्षता में इस फोरम के अंतर्गत क्षेत्रीय सहयोग को नई गति मिली है, इसके लिए हम प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा और उनकी टीम का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा केसाथ उनकी बहुत ही सार्थक बैठक हुई, हमारी बातचीत भारत-थाईलैंड रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के तरीकों पर केंद्रित थी, हमने आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग जैसी कई और चुनौतियों से निपटने केलिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई है।

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