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Thursday 24 April 2025 06:00:13 PM
रायपुर। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमाओं पर सुरक्षाबलों ने एक अभूतपूर्व ऑपरेशन छेड़ा हुआ है। इस हाईप्रोफाइल अभियान में करीब 5 हजार सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जो नक्सल सरगना हिड़मा, देवा और दामोदर सहित करीब 300 से ज्यादा नक्सलियों को कर्रेगट्टा, नडपल्ली और पुजारी कांकेर की पहाड़ियों में चारों ओर से घेर चुके हैं। यह ऑपरेशन 48 घंटे से भी अधिक समय से जारी है और दोनों ओर से रुक-रुककर गोलियों की आवाजें और आईईडी ब्लास्ट की गूंज सुनाई दे रही है। इंटेलिजेंस इनपुट के अनुसार नक्सलियों केपास सीमित राशन और गोला बारूद है, जो कुछ ही दिन तक चल सकता है। नक्सली बटालियन और टॉप कमांडर्स की मौजूदगी में इस ऑपरेशन में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 और 2, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZCM), डीवीसीएम, एसीएम और सेंट्रल कमेटी के सदस्य सक्रिय हैं। ये सभी हिड़मा, देवा, विकास जैसे टॉप नक्सल लीडर्स के नेतृत्व में हैं।
नक्सल इलाकों के पूवर्ती, रायगुडेम, नम्बी और पुजारी कांकेर जैसे ठिकाने नक्सलियों को रसद सप्लाई के प्रमुख स्रोत थे, जिन्हें अब सुरक्षाबलों ने पूरी तरह सील कर दिया है। घेरे गए इलाके की भौगोलिक संरचना सुरक्षाबलों केलिए चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि पहाड़ों की ऊंचाई का फायदा उठाकर नक्सली नीचे मूवमेंट को आसानी से टारगेट कर सकते हैं। तेलंगाना कैडर की नक्सली शांता ने एक प्रेसनोट में दावा किया थाकि पहाड़ियों के चारों ओर आईईडी और बारूदी सुरंगें बिछाई गई हैं। इससे साफ होता हैकि नक्सलियों को ऑपरेशन की भनक पहले से थी और उन्होंने बंकर और सुरंगों के माध्यम से गुप्त प्लानिंग कर रखी थी। सुरक्षाबल हेलिकॉप्टर और दर्जनों ड्रोन की मदद से इलाके की निगरानी कर रहे हैं। जवानों को हेलिकॉप्टर से पहाड़ियों पर उतारा गया है, जो पूरी सतर्कता केसाथ आगे बढ़ रहे हैं। नक्सलियों के बंकरों में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक होने की संभावना है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का स्पष्ट निर्देश हैकि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाए, इसी दिशा में यह ऑपरेशन एक निर्णायक लड़ाई साबित हो सकता है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं और केंद्र सरकार उनसे लगातार अपडेट ले रही है। इलाके के ग्रामीणों का कहना हैकि पिछले दो दिन से लगातार गोलियों और आईईडी ब्लास्ट की आवाजें सुनाई दे रही हैं, हेलिकॉप्टर लगातार इलाके में मंडरा रहे हैं। नक्सली अब लगातार शांतिवार्ता की बात कर रहे हैं, लेकिन विश्लेषकों का मानना हैकि यह उनकी नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है। दरअसल नक्सली अब फोर्स के घेरे में फंस चुके हैं, इसलिए वे वक्त मांगने केलिए शांति वार्ता का सहारा ले रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र स्पष्ट कर चुके हैंकि अब ऑपरेशन नहीं रुकेगा। सरकार ने नक्सलियों से अपील की हैकि वे हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटें और आत्मसमर्पण करें।