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Friday 4 April 2025 04:35:07 PM
बैंकॉक/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड में आज छठे बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग केलिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन में बिम्सटेक देशों केबीच सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए 21 सूत्री कार्ययोजना प्रस्तावित की। उन्होंने बिम्सटेक देशों केबीच व्यापार को बढ़ावा देने और आईटी क्षेत्र की समृद्ध क्षमता का लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप में जनहानि पर शोक व्यक्त करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने आपदा प्रबंधन के क्षेत्रमें मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष की दुनिया में काम करने और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया। बिम्सटेक को सामूहिक रूपसे ऊर्जावान बनाने और नेतृत्व करने वाले युवाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने उम्मीद जताईकि सांस्कृतिक संबंध बिम्सटेक देशों को और करीब लाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि वैश्विक भलाई को निरंतरता देने केलिए बिम्सटेक एक महत्वपूर्ण मंच है एवं यह ज़रूरी हैकि हम इसे और मज़बूत करें एवं अपने जुड़ाव को और गहरा करें। उन्होंने कहाकि अब बिम्सटेक देशों में व्यापार को बढ़ावा देने का समय आ गया है, आईटी क्षेत्रकी समृद्ध क्षमता का लाभ उठाकर बिम्सटेक को तकनीकी रूपसे अधिक मजबूत बनाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक नेताओं से कहाकि आइए हम अपने सहयोग को अंतरिक्ष की दुनिया तक ले जाएं, हम अपने सुरक्षा तंत्र कोभी और अधिक मजबूत बनाएं। उन्होंने कहाकि बिम्सटेक में क्षमता निर्माण ढांचे का एक शानदार उदाहरण बनने की क्षमता है, हम सामूहिक रूपसे बिम्सटेक को ऊर्जावान बनाएंगे और हमारे युवा ही इसका नेतृत्व करेंगे। नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक समिट के शानदार आयोजन केलिए थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा को बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया को जोड़ने वाला एक सेतु है, यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि की नई राहें खोलने केलिए एक प्रभावी मंच के रूपमें उभर रहा है। उन्होंने कहाकि पिछले साल ‘बिम्सटेक चार्टर’ लागू हो गया है और विश्वास व्यक्त कियाकि आज हम जो ‘बैंकॉक विज़न 2030’ अपना रहे हैं, वह बंगाल की खाड़ी क्षेत्रमें समृद्धि, सुरक्षा और समावेशिता के हमारे संकल्प को साकार करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिम्सटेक को और सशक्त बनाने केलिए हमें इसके कार्यक्षेत्र और क्षमता का निरंतर विस्तार करते रहना होगा। उन्होंने कहाकि गृहमंत्री मेकनिज़म को संस्थागत रूप दिया जा रहा है, साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, मादक पदार्थ एवं मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में यह फोरम अहम भूमिका निभा सकता है और इसवर्ष भारत में इसकी पहली बैठक करने का प्रस्ताव रखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि क्षेत्रीय विकास केलिए भौतिक केसाथ डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि बंगलुरु में बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र में कार्य शुरू हो चुका है और सुझाव दियाकि हमारी टीम्स विद्युत ग्रिड अंतर्संबंध पर तेजीसे काम करें। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, बहुउद्देशीय से पब्लिक सर्विस डिलीवरी में क्रांति आई है, गुड गवर्नेंस, पारदर्शिता बढ़ी है और फाइनेंसियल समावेश को बल मिला है। उन्होंने भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस यानि यूपीआई और बिम्सटेक क्षेत्रमें भुगतान प्रणालियों केबीच कनेक्टिविटी का प्रस्ताव रखा, जिससे व्यापार, उद्योग और टूरिज्म सभी स्तरों पर लाभ होगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि व्यापार और व्यवसायिक कनेक्टिविटी भी हमारी प्रगति केलिए जरूरी है और बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना का प्रस्ताव रखा, साथही कहाकि हर साल बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने सुझाव दियाकि बिम्सटेक क्षेत्रमें स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं पर एक व्यवहार्यता अध्ययन भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित एवं संरक्षित हिंद महासागर हमारी साझी प्राथमिकता है, आज समुद्री परिवहन समझौते से मर्चेंट शिपिंग और कार्गो ट्रांसपोर्ट में सहयोग मजबूत होगा एवं व्यापार को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव रखाकि भारत में एक सतत समुद्री परिवहन केंद्र की स्थापना की जाए, जो क्षमता निर्माण, रिसर्च, इनोवेशन और मैरीटाइम नीतियों में समन्वय बढ़ाने केलिए काम करेगा। उन्होंने कहाकि हालही में आए भूकंप ने हमें याद दिलायाकि बिम्सटेक क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं केप्रति कितना असुरक्षित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत हमेशा अपने मित्र देशों केलिए प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता है, यह हमारा सौभाग्य हैकि हम लोगों केलिए समय पर राहत पहुंचाने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने कहाकि आपदाओं को रोका नहीं जा सकता, लेकिन उनसे निपटने केलिए सदैव तैयार रहना चाहिए, इस संदर्भ में भारत में आपदा प्रबंधन केलिए बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जो आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास में सहयोग करेगा। इसवर्ष बिम्सटेक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केबीच चौथी संयुक्त अभ्यास भारत में की जाएगी। उन्होंने कहाकि पब्लिक हेल्थ हमारी सामाजिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और ख़ुशी हैकि बिम्सटेक देशों में कैंसर देखभाल में ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण केलिए भारत सहयोग देगा, होस्लिस्टिक हेल्थ की दृष्टि से पारंपरिक चिकित्सा में रिसर्च और प्रसार केलिए एक उत्कृष्टता का केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसी तरह किसानों के लाभ केलिए ज्ञान और सर्वोत्तम अभ्यास के आदान प्रदान, शोध और क्षमता निर्माण केलिए भारत में एक उत्कृष्टता का केंद्र खोलने का प्रस्ताव रखते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि अंतरिक्ष क्षेत्रमें भारत के वैज्ञानिकों ने जो प्रगति की है, वह ग्लोबल साउथ केलिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने बिम्सटेक देशों केलिए मैनपावर ट्रेनिंग, नैनो उपग्रह के निर्माण और लॉंच, सुदूर संवेदन डेटा के उपयोग केलिए ग्राउंड स्टेशन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री ने कहाकि युवाओं के कौशल केलिए हम बोधि, अर्थात ‘मानव संसाधन अवसंरचना के संगठित विकास केलिए बिम्सटेक’ पहल शुरू करेंगे, इसके अंतर्गत बिम्सटेक देशों के 300 युवाओं को हर साल भारत में ट्रैनिंग दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत के वानिकी अनुसंधान संस्थान में बिम्सटेक छात्रों केलिए स्कॉलरशिप दी जाएगी, नालंदा विश्वविद्यालय में भी स्कॉलरशिप स्कीम का विस्तार किया जाएगा, बिम्सटेक देशों के युवा राजनायिकों केलिए हर साल ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहाकि हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत हमारे संबंधों की मजबूत नीव हैं, ओडिशा की बाली जात्रा, बौद्ध और हिंदू परंपराओं के गहरे ऐतिहासिक संबंध, हमारी भाषाएं हमारे सांस्कृतिक जुड़ाव के प्रतीक हैं, इन संपर्कों को उजागर करने केलिए इसवर्ष भारत में पहला बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहाकि हमारे युवाओं केबीच आदान-प्रदान बढ़ाने केलिए इसवर्ष बिम्सटेक युवा नेताओं का शिखर सम्मेलन, बिम्सटेक हैकाथॉन और युवा पेशेवर आगंतुक कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने खेल क्षेत्रमें भारत में इस वर्ष ‘बिम्सटेक एथलेटिक्स मीट’ का प्रस्ताव रखा और कहाकि 2027 में बिम्सटेक की तीसवीं वर्षगांठ पर हम पहले बिम्सटेक खेलों की मेज़बानी करने की घोषणा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिम्सटेक हमारे लिए केवल एक क्षेत्रीय संगठन नहीं है, यह हमारे समावेशी विकास और सुरक्षा का एक मॉडल है, यह हमारे साझा संकल्पों और सामूहिक शक्ति का प्रतीक है, यह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ की अवधारणा का एक साकार रूप है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि हम एकजुटता, सहयोग और विश्वास की भावना को और मजबूत करेंगे और मिलकर बिम्सटेक को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक के आगामी अध्यक्ष बांग्लादेश का स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं।