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Saturday 5 April 2025 05:05:57 PM
कोलंबो/ नई दिल्ली। थाईलैंड की सफल यात्रा केबाद श्रीलंका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पारंपरिक और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत किया गया। नरेंद्र मोदी की श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके केसाथ गर्मजोशीभरी मुलाकात हुई, जहां समारोहपूर्वक उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति केसाथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य देते हुए प्रधानमंत्री ने गौरवांवित होकर यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित किया और कहाकि यह भारत-श्रीलंका के लोगों केबीच ऐतिहासिक संबंधों एवं गहरी मित्रता का सम्मान है, इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति, श्रीलंका सरकार और यहां के लोगों का ह्रदय से आभार भी व्यक्त किया। नरेंद्र मोदी ने याद कियाकि कुछ महीने पहले अनुरा कुमारा दिसानायके ने राष्ट्रपति बनने केबाद अपनी पहली विदेश यात्रा केलिए भारत को चुना था, अब उन्हें उनके राष्ट्रपति पद पर आनेवाले पहले विदेशी नेता होने का सम्मान मिला है, यह भारत-श्रीलंका केबीच अटूट बंधन केप्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि श्रीलंका का यह उनका चौथा दौरा है, वर्ष 2019 की उनकी यात्रा एक बहुत ही संवेदनशील समय पर हुई थी, उस समय उनका विश्वास थाकि श्रीलंका उठेगा और अधिक मजबूत होकर उठेगा। उन्होंने श्रीलंका के लोगों के धैर्य और साहस की सराहना की और श्रीलंका को वापिस प्रगति के पथ पर देखकर हर्षित हुए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत केलिए यह गर्व का विषय हैकि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूपमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है, चाहे 2019 का आतंकवादी हमला हो, कोविड महामारी हो या हाल में आया आर्थिक संकट हर कठिन परिस्थिति में हम श्रीलंका के लोगों केसाथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमारी पड़ोस प्रथम नीति और विज़न ‘महासागर’ दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है और बीते चार महीने में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की भारत यात्रा केबाद से हमारे सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहाकि कोलंबो में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके केसाथ व्यापक और उपयोगी वार्ता हुई। उन्होंने कहाकि सामपुर सोलर पावर प्लांट से श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा में मदद मिलेगी, मल्टी प्रोडेक्ट पाइपलाइन के निर्माण और त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब के रूपमें विकसित किए जाने केलिए जो समझौता हुआ है, उसका लाभ श्रीलंका के लोगों को मिलेगा, दोनों देशों केबीच ग्रिड अंतर कनेक्टिविटी समझौते से श्रीलंका केलिए बिजली निर्यात करने के विकल्प खुलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि श्रीलंका में धार्मिक स्थलों केलिए पांच हजार सोलर रूफ टॉप सिस्टम का उद्घाटन किया गया है, श्रीलंका अद्वितीय डिजिटल पहचान प्रोजेक्ट में भी हम सहयोग करेंगे। उन्होंने कहाकि भारत ने सबका साथ सबका विकास के विजन को अपनाया है, हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं। बीते 6 महीने में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के ऋण को अनुदान में बदला है, हमारे द्विपक्षीय 'तिथि पुनर्गठन अधिनियम' से श्रीलंका के लोगों को तत्काल सहायता और राहत मिलेगी। उन्होंने कहाकि हमने ब्याज की दर को भी कम करने का निर्णय लिया है, पूर्वी प्रांतों के सामाजिक और आर्थिक विकास केलिए लगभग 2.4 बिलियन लंकन रुपए का सहयोग पैकेज दिया जाएगा और हमने किसानों की भलाई केलिए श्रीलंका के सबसे बड़े गोदाम का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि कल हम ‘माहो-ओमनथायी’ रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे और माहो-अनुराधापुरम सेक्शन पर सिग्नलिंग सिस्टम का शिलान्यास करेंगे एवं कांकेसंतुरई पोर्ट के आधुनिकीकरण केलिए काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहाकि श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय केलिए दस हजार घरों का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाएगा, श्रीलंका के 700 अतिरिक्त कार्मिकों को भारत में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, इसमें सांसदों, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, उद्यमियों, मीडियाकर्मियों केसाथ युवा लीडर्स भी शामिल होंगे। उन्होंने कहाकि हमारा मानना हैकि हमारे सुरक्षा हित समान हैं, दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी है और एक-दूसरे पर निर्भर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के हितों केप्रति राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की संवेदनाओं केलिए उनका आभार जताया और कहाकि रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण समझौते का हम स्वागत करते हैं, कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन और हिंद महासागर में सुरक्षा सहयोग पर मिलकर काम करने केलिए हम सहमत हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत-श्रीलंका केबीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं और उन्हें यह बताते हुए ख़ुशी हैकि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन केलिए भेजा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहाकि त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के नवीकरण, अनुराधापुरम महाबोधी मंदिर परिसर में पवित्र शहर और नुरेलिया में सीता एलिया मंदिर के निर्माण में भारत सहयोग करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की है, हम सहमत हैंकि हमें इस मामले में एक मानवीय पहल केसाथ आगे बढ़ना चाहिए, हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किए जाने और उनकी नावों को वापस भेजने पर जोर दिया है। उन्होंने आशा व्यक्त कि श्रीलंका सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और श्रीलंका में संविधान के पूर्ण इम्प्लीमेंटेशन और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करेगी। उन्होंने कहाकि भारत-श्रीलंका संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित हैं, अपने लोगों की आकांक्षाओं और आशाओं को पूरा करने केलिए हम साथ मिलकर काम करते रहेंगे।