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Sunday 6 April 2025 03:29:59 PM
रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की विभागीय समीक्षा की है। गृहमंत्री ने कहाकि डबल इंजन की सरकार नक्सलवाद वामपंथ उग्रवाद के समूल नाश में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहाकि नक्सलवाद के कारण यहां कई पीढ़ियां बर्बाद हो गई हैं, नक्सलवाद का समूल नाश जरूरी है, ताकि यह फिरसे जड़ न जमा पाए। गृहमंत्री ने कहाकि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है, आज नक्सली एक राज्य से दूसरे राज्य में भाग रहे है, जिन्हें पकड़ने केलिए राज्य की पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय और भी ज्यादा बेहतर होना चाहिए। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, सीमा सुरक्षा बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के महानिदेशक, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि छत्तीसगढ़ में सरकार विकास और सुरक्षा दोनों ही मोर्चों पर बहुत अच्छा काम कर रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रशासन से कहाकि वह नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकारी योजनाएं पहुंचाने केलिए बनाई गई ‘नियद नेल्लानार’ का दायरा सुरक्षा बलों के शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे से बढ़ाकर 10 किलोमीटर कर दे। अमित शाह ने यहभी कहाकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जनता को विकास के समान अवसर मिलना सुनिश्चित किया जाए। गृहमंत्री अमित शाह दंतेवाड़ा में बस्तर पंडुम कार्यक्रम में भी शामिल हुए और जनजातियों के जल, जंगल, जमीन और संस्कृति केलिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहाकि यहां एक प्रजावत्सल राजा के रूपमें उनकी लोकप्रियता तत्कालीन सरकार को सहन नहीं हुई और साज़िश के तहत उनकी हत्या कर दी गई थी। अमित शाह ने कहाकि आज पूरा बस्तर लाल आतंक से मुक्त होने को है और विकास के रास्ते पर चल चुका है, प्रवीर चंद्र की आत्मा जहां भी होगी बस्तरवासियों को अपना आशीर्वाद दे रही है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि अगले साल से बस्तर पंडुम में देश के हर आदिवासी ज़िले से कलाकारों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार बस्तर पंडुम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति दिलाने केलिए सभी देशों के राजदूतों को बस्तर का भ्रमण करवाकर यहां की परंपरा, संस्कृति और कला को विश्व तक पहुंचाने का काम कर रही है। अमित शाह ने कहाकि 1885 ग्राम पंचायतों, 12 नगर पंचायतों, 8 नगर परिषदों, एक नगरपालिका और 32 जनपदों के 47 हज़ार कलाकारों ने इस उत्सव में भाग लिया है। ज़िला प्रशासन और संस्कृति विभाग ने बस्तर पंडुम केलिए 5 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्होंने कहाकि यह पंडुम स्थानीय और पारंपरिक कला, संस्कृति, शिल्पकला, तीज त्यौहार, खानपान, बोली, भाषा, रीति रिवाज़, वेशभूषा, आभूषण, पारंपरिक गीत संगीत और व्यंजन को मूल रूपमें संवर्धित और संरक्षित करने का काम करेगा। गृहमंत्री ने कहाकि हम चाहते हैंकि बस्तर का युवा सबसे आधुनिक शिक्षा प्राप्त करे, विश्व के युवाओं केसाथ हर मंच पर प्रतिस्पर्धा करे और दुनियाभर की समृद्धि प्राप्त करे, लेकिन अपनी संस्कृति, भाषा, परंपराओं को कभी न भूले। उन्होंने कहाकि बस्तर की संस्कृति, बोलियां, वाद्ययंत्र और भोजन सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं, बल्कि पूरे भारत की संस्कृति का गहना हैं और हमें इसे संजोकर रखना है।
अमित शाह ने कहाकि सात श्रेणियों में मनाए जा रहे बस्तर पंडुम उत्सव को अगले वर्ष 12 श्रेणियों में मनाया जाएगा और देशभर के आदिवासी इसमें शामिल होंगे। गृहमंत्री ने कहाकि भारत की ताकत अनेकता में एकता, अनेक प्रकार की संस्कृतियों, कलाओं, परंपराओं, भाषाओं, बोलियों और व्यंजनों का समागम है। उन्होने कहाकि हम दुनिया केसाथ हर स्पर्धा में खड़े रहेंगे, लेकिन हमारी संस्कृति और अन्य धरोहर को संरक्षित भी करेंगे, बस्तर पंडुम इसकी शुरूआत है। गृहमंत्री ने कहाकि वह जमाना गया, जब यहां पर गोलियां चलती थीं, बम धमाके होते थे। उन्होंने नक्सलियों से अपील कीकि वे हथियार डालकर शांति और विकास की मुख्यधारा में आएं। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी की डबल इंजन सरकार बस्तर को सबकुछ देना चाहती है, लेकिन यह तभी संभव है, जब बस्तर में शांति हो, यहां के बच्चे स्कूल जाएं, माताएं स्वस्थ रहें, आदिवासी और युवा कुपोषण मुक्त हों, हर गांव में दवाखाना और तहसील में अस्पताल हो, यह सब तभी हो सकता है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने अपील कीकि बस्तर के लोग हर गांव को नक्सलवाद मुक्त बनाएं। अमित शाह ने कहाकि छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की हैकि जो गांव सभी नक्सलियों से सरेंडर कराएगा उस गांव को नक्सलवाद मुक्त घोषित कर उसे एक करोड़ रुपए की विकास राशि दी जाएगी। उन्होंने कहाकि कोई किसी को मारना नहीं चाहता, इसीलिए नक्सलियों को हिंसा छोड़कर मेनस्ट्रीम में आना चाहिए, उनका संरक्षण भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार करेगी। अमित शाह ने कहाकि वोकल फॉर लोकल के जरिए हर जिले के एक विशिष्ट उत्पाद को जीआई टैग से जोड़कर देशभर के बाजारों में उसकी मार्केटिंग की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहाकि भारत का इतिहास केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे आदिवासी जननायकों को पूरे देशमें सम्मान और श्रद्धा प्राप्त होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि हमने बस्तर के नायक वीर गुंडाधूर जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने का कार्य किया है, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस और 150वीं जयंती वर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष मनाने का कार्य किया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि पिछली सरकारों ने 75 साल तक ग़रीबी हटाओ का नारा तो दिया, लेकिन गरीबों के विकास के नाम पर कुछ नहीं किया, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार में देश के करोड़ों ग़रीबों केलिए 10 साल में 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए, 11 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए, 12 करोड़ शौचालय बनाए गए, 15 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाया गया, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और 70 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया गया है। अमित शाह ने कहाकि जो लोग यह समझ गए हैंकि विकास केलिए हाथ में बंदूक नहीं, कंप्यूटर चाहिए, आइईडी और हथगोला नहीं, बल्कि कलम चाहिए, उन सबने कानून के सामने सरेंडर कर दिया है। उन्होंने कहाकि नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में इससाल अबतक 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 2024 में कुल 881 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।
अमित शाह ने विश्वास व्यक्त कियाकि नक्सली हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होंगे, लेकिन जो हथियार उठाकर हिंसा के रास्ते पर चलेंगे, उनके साथ सुरक्षाबल सख्ती से निपटेंगे। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कराने केप्रति कटिबद्ध है। गृहमंत्री ने कहाकि बस्तर में पहले नक्सलियों के आतंक के कारण राजनेताओं को रैली और सभा करने से रोक दिया जाता था, लेकिन वक्त बदल चुका है, आज यहां 50000 आदिवासी भाई बहनों केसाथ रामनवमी, अष्टमी और बस्तर पंडुम महोत्सव मना रहे हैं। आज यहां का बच्चा कंप्यूटर के माध्यम से विश्व केसाथ संपर्क स्थापित कर रहा है। अमित शाह ने सुझाया कि हर गांव की सभा बुलाकर नक्सलियों को सरेंडर करने केलिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, सुकमा से कोई सब इंस्पैक्टर बने, बस्तर से बैरिस्टर, दंतेवाड़ा से डॉक्टर और कांकेर से कलेक्टर बने। उन्होंने कहाकि विकास के सपनों को सच करने केलिए निष्ठापूर्वक और निर्भीक होकर प्रयास करना चाहिए, क्योंकि मोदी शासन में किसीको डरने की ज़रूरत नहीं है।