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मुद्रा योजना बनी समृद्धि और आत्मनिर्भरता!

हाशिए पर पड़े और आर्थिक रूपसे वंचित उद्यमी हुए वित्तपोषित

प्रधानमंत्री ने सुनीं मुद्रा योजना के लाभार्थियों की सफल कहानियां

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 8 April 2025 06:02:18 PM

prime minister heard the success stories of the beneficiaries of mudra yojana

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री आवास पर मुद्रा योजना के लाभार्थियों को अपने अनुभव साझा करने केलिए आमंत्रित किया। लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि मुद्रा योजना उनकी समृद्धि और आत्मनिर्भरता की कारक बन गई है, इससे हाशिए पर पड़े और आर्थिक रूपसे वंचित उद्यमी वित्तपोषित हुए हैं, जिसकी उन्हें कभी भी आशा नहीं थी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों से उनकी सफल कहानियां सुनकर बहुत प्रफुल्लित और मुद्रा योजना की सफलता पर गौरवांवित हुए। गौरतलब हैकि प्रधानमंत्री ने 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का शुभारंभ किया था। संपूर्ण भारत में छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को सशक्त बनाने वाली मुद्रा योजना के आज 10 वर्ष पूरे हो गए हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गैर कॉर्पोरेट और गैर कृषि आय अर्जित करने वाली गतिविधियों केलिए आसानी से और बिना किसी जमानत के 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है। केंद्रीय बजट 2024-25 में इस ऋण की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। यह ऋण बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं, एमएफआई और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से दिए जा रहे हैं। इसमें तरुण प्लस ऋण श्रेणी उन लोगों केलिए डिज़ाइन की गई है, जिन्होंने पहले तरुण श्रेणी केतहत ऋण लिया है और उसे सफलतापूर्वक चुका दिया है। इससे उन्हें 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये केबीच फंडिंग प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। इसके अतिरिक्त माइक्रो यूनिट्स केलिए क्रेडिट गारंटी फंड अब इन बढ़े हुए ऋणों केलिए गारंटी कवरेज प्रदान करेगा। यह प्रयास भारत में मजबूत उद्यमशीलता केलिए तंत्र को पोषित करने केलिए सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना के लाभार्थियों से ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक अधिकारियों को आमंत्रित करने और ऋण के कारण हुई प्रगति को प्रदर्शित करने केलिए कहा, जिससे न केवल उनके विश्वास को मान्यता मिलेगी, बल्कि बड़े सपने देखने की हिम्मत और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने मुद्रा ऋण के बारेमें जानने केबाद दुबई में अपनी कंपनी से इस्तीफा देने का फैसला करनेवाले केरल के लाभार्थी गोपी कृष्ण का उल्लेख किया। गोपी कृष्ण ने प्रधानमंत्री को बतायाकि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने उसे एक सफल उद्यमी बनने में सक्षम बनाया और घरों तथा कार्यालयों केलिए अक्षय ऊर्जा समाधानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं। गोपी कृष्ण ने बतायाकि पीएम सूर्य घर योजना केतहत एक घर पर सूर्यघर का काम पूरा करने में दो दिन लगते हैं। गोपी कृष्ण ने प्रधानमंत्री को बतायाकि केरल में भारी वर्षा और घने पेड़ों जैसी चुनौतियों के बावजूद अब घरों में मुफ्त बिजली मिल रही है। गोपी कृष्ण ने प्रधानमंत्री को बतायाकि बिजली का बिल, जो पहले लगभग 3000 रुपए था, अब घटकर 240-250 रुपए हो गया है, जबकि उनकी मासिक आय 2.5 लाख रुपए और उससे अधिक हो गई है।
प्रधानमंत्री ने रायपुर की महिला उद्यमी और ‘हाउस ऑफ पुचका’ की संस्थापक से बात की। महिला उद्यमी ने घर पर खाना बनाने से लेकर एक सफल कैफे व्यवसाय स्थापित करने तककी अपनी बात प्रधानमंत्री से साझा की। उन्होंने कहाकि लाभ मार्जिन और खाद्य लागत प्रबंधन में शोध ने इस उद्यमशीलता की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहाकि युवाओं के मन में डर है और कई लोग जोखिम लेने के बजाय नौकरी करना पसंद करते हैं। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने जोखिम लेने की क्षमता के महत्व पर प्रकाश डाला और बतायाकि हाउस ऑफ पुचका की संस्थापक ने 23 साल की उम्र में अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने केलिए जोखिम लेने की अपनी क्षमता और अपने समय का प्रभावी ढंग से उपयोग किया। मुद्रा योजना लाभार्थी ने प्रधानमंत्री को बतायाकि रायपुर के दोस्तों, कॉर्पोरेट जगत और छात्रों केबीच इसे जाना। उसने युवाओं में सरकारी योजनाओं पर जागरुकता की कमी बताई और कहाकि ये योजनाएं बिना किसी जमानत के धन मुहैया कराती हैं। उसने प्रधानमंत्री का आभार जताया कि मुद्रा ऋण और पीएमईजीपी ऋण जैसी योजनाएं क्षमतावान लोगों केलिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती हैं। उसने युवाओं को इन योजनाओं पर शोध करने और साहसिक कदम उठाने केलिए प्रोत्साहित किया और कहाकि जो लोग आगे बढ़कर सफल होना चाहते हैं, उनके लिए कोई बाधा और सीमा नहीं है।
बारामूला में ‘बेक माई केक’ के मालिक मुदस्सिर नक्शबंदी ने प्रधानमंत्री से नौकरी चाहने वाले से नौकरी देने वाले बनने की अपनी सफलता की कहानी साझा की। उसने कहाकि उसने बारामूला के दूरदराज इलाकों के 42 व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान किया है। प्रधानमंत्री ने मुद्रा ऋण प्राप्त करने से पहले उसकी आय के बारेमें पूछा, जिसपर मुदस्सिर ने जवाब दियाकि उसकी आय हजारों में थी, लेकिन उसकी उद्यमशीलता की यात्रा ने अब उसे लाखों और करोड़ों में पहुंचा दिया है। प्रधानमंत्री ने मुदस्सिर के व्यवसाय संचालन में यूपीआई के व्यापक उपयोग को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरेश की प्रेरक कहानी सुनी, जिसने वापी में नौकरी से सिलवासा में एक सफल उद्यमी बनने तकका सफर तय किया है। सुरेश ने प्रधानमंत्री को बतायाकि 2022 में उसे एहसास हुआकि सिर्फ़ नौकरी ही काफी नहीं है और उसने अपना खुदका व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया।
रायबरेली की महिला उद्यमी ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एमएसएमई को दीगई सहायता केलिए आभार व्यक्त किया। उसने कहाकि लाइसेंस और फंडिंग आसानी से उपलब्‍ध हो जाती है, जबकि यह पहले काफी चुनौतीपूर्ण थी, इसीसे प्रेरित होकर उसने विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री ने 2.5 से 3 लाख रुपए के मासिक कारोबार केसाथ बेकरी व्यवसाय चलाने में उसकी सफलता का उल्लेख किया, जिससे सात से आठ व्यक्तियों को रोज़गार मिला। भोपाल के लवकुश मेहरा ने 2021 में 5 लाख रुपए के शुरुआती ऋण केसाथ अपना दवा व्यवसाय शुरू किया था, शुरुआती आशंकाओं के बावजूद उसने अपने ऋण को 9.5 लाख रुपए तक बढ़ाया और पहले वर्ष के 12 लाख रुपए से बढ़कर 50 लाख रुपए से अधिक का कारोबार हासिल किया। प्रधानमंत्री ने 34 लाख रुपए का घर खरीदना और हर महीने 1.5 लाख रुपए से अधिक की कमाई सहित लवकुश की हालिया उपलब्धियों का उल्‍लेख किया, जबकि उसकी पिछली नौकरी से उसे 60000 से 70000 रुपए तककी ही कमाई होती थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भावनगर के युवा उद्यमी की प्रेरक यात्रा को सुना, जिसने 21 साल की उम्र में आदित्य लैब की स्थापना की, यह उद्यमी मेक्ट्रोनिक्स के अंतिम वर्ष का छात्र है, जिसने 3डी प्रिंटिंग, रिवर्स इंजीनियरिंग, रैपिड प्रोटोटाइपिंग और रोबोटिक्स में व्यवसाय शुरू करने केलिए किशोर श्रेणी केतहत 2 लाख रुपए के मुद्रा ऋण का सफलतापूर्वक उपयोग किया। प्रधानमंत्री ने इस उद्यमी के समर्पण की सराहना की, जो सप्ताह के दिनों में कॉलेज और सप्ताहांत में व्यवसाय संचालन केबीच संतुलन बनाकर परिवार के समर्थन से दूर से काम करते हुए 30000 से 35000 रुपए मासिक कमाता है। मनाली की महिला उद्यमी ने सब्जी मंडी में काम करने से लेकर सफल व्यवसाय चलाने तककी अपनी कहानी प्रधानमंत्री से साझा की। उसने बतायाकि उसने 2015-16 में 2.5 लाख रुपए के मुद्रा लोन से शुरुआत की थी, जिसे उसने ढाई साल में चुका दिया, इसके बाद 5 लाख रुपए, 10 लाख रुपए और 15 लाख रुपए के लोन केसाथ उसने अपना व्यवसाय सब्जी की दुकान से राशन की दुकान तक बढ़ाया और 10 से 15 लाख रुपए की वार्षिक आय हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश की महिला उद्यमी की प्रेरक यात्रा सुनी, जो एक गृहिणी से जूट के बैग का सफल व्यवसाय चलाने लगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जूट संकाय सदस्य और उद्यमी के रूपमें उसकी दोहरी भूमिका को स्वीकार किया तथा रोज़गार एवं कौशल विकास के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में उनके प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहाकि मुद्रा योजना ने हाशिए पर पड़े और आर्थिक रूपसे वंचित पृष्ठभूमि के लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे उन्हें बिना किसी गारंटी या व्यापक कागजी कार्रवाई के अपना खुदका व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाया गया है। नरेंद्र मोदी ने उद्यमिता केप्रति सामाजिक दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव को देखते हुए मुद्रा योजना की मौन क्रांति का भी उल्‍लेख किया, जिसने न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करके महिलाओं को सशक्त बनाया है, बल्कि उनके लिए अपने व्यवसायों का नेतृत्व करने और उन्हें बढ़ाने के अवसर भी पैदा किए हैं। उन्होंने बतायाकि मुद्रा योजना के सबसे अधिक लाभार्थियों में महिलाएं हैं, जो ऋण आवेदनों, अनुमोदनों और तेजीसे पुनर्भुगतान में अग्रणी हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह योजना धन के दुरुपयोग या नाकाम प्रयासों को हतोत्साहित करते हुए जीवन और करियर बनाने का अवसर प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि मुद्रा योजना केतहत अबतक बिना किसी गारंटी के 33 लाख करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने देश के प्रतिभाशाली युवाओं पर अपना भरोसा जताया, जिन्होंने रोज़गार पैदा करने और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने केलिए धन का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना से होने वाले सामाजिक लाभों को भी स्वीकार किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि 50000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तकके ऋण का दायरा बढ़ाकर अब 20 लाख रुपए कर दिया गया है। नरेंद्र मोदी ने लाभांवित लोगों से कम से कम पांच से दस अन्य लोगों को प्रेरित, उनका समर्थन करने, उनमें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के एक आदिवासी समूह की प्रेरक कहानी सुनाई, जिसने एक छोटे से ऋण केसाथ पारंपरिक संगीत प्रदर्शन से पेशेवर बैंड बनाने केलिए बदलाव का मार्ग चुना, इसने न केवल उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार किया, बल्कि यहभी दिखायाकि कैसे छोटे प्रयास महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी भी लाभार्थियों से बातचीत के दौरान उपस्थित थे।

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