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नागरिक देवो भव: लोकसेवकों को मोदी का मंत्र!

प्रधानमंत्री ने सिविल सर्विसेज डे पर लोकसेवकों को किया पुरस्कृत

'भारत का समग्र विकास' देश की जनता से हमारा कमिटमेंट है'

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Monday 21 April 2025 05:34:58 PM

prime minister rewarded public servants on civil services day

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 17वें सिविल सर्विसेज डे पर विज्ञान भवन नई दिल्ली में लोकसेवा दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहाकि इसबार सिविल सर्विसेज डे कई वजहों से विशेष है, इस साल हम अपने संविधान का 75वां वर्ष मना रहे हैं और ये सरदार वल्‍लभभाई पटेल की 150वी जयंती का भी साल है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि यह तिथि उस दिन को याद करने केलिए चुनी गई थी, जब सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 में मेटकॉफ हाउस दिल्ली में प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षार्थियों को संबोधित किया था, उन्होंने लोकसेवकों को स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया कहा था, उन्होंने स्वतंत्र भारत की नौकरशाही की नई मर्यादाएं तय की थीं, एक ऐसा सिविल सर्वेंट, जो राष्‍ट्र की सेवा को अपना सर्वोत्तम कर्तव्य माने, जो लोकतांत्रिक तरीके से प्रशासन चलाए, जो ईमानदारी, अनुशासन, समर्पण से भरा हुआ हो और जो देश के लक्ष्यों केलिए दिनरात काम करे। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब हम विकसित भारत के संकल्प केसाथ आगे बढ़ रहे हैं तो सरदार वल्‍लभभाई पटेल की ये बातें और ज़्यादा प्रासंगिक हो जाती हैं और मैं सरदार साहब के विजन को नमन करता हूं और उनको भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसेवा दिवस सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों में चिन्हित प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और नवाचारों केलिए चयनित उत्कृष्ट लोकसेवकों को प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए। प्रधानमंत्री ने समग्र विकास और नवाचारों पर ई-पुस्‍तकों का विमोचन किया, जिनमें चिन्हित प्राथमिकता और नवाचार कार्यक्रमों की सफलता की गाथाएं हैं। पुरस्कार वितरण से पहले उत्कृष्ट लोकसेवकों की पहलों पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। राष्ट्रीय लोकसेवा दिवस देशभर में लोकसेवकों केलिए नागरिकों के हित केलिए स्वयं को पुनः समर्पित करने, अपने कार्य में लोकसेवा और उत्कृष्टता केप्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है। प्रधानमंत्री ने जिक्र कियाकि उन्होंने लालकिले से कहा थाकि भारत को आनेवाले एक हजार साल की नींव को मजबूत करना है, एक हिसाब से देखें तो एक हजार साल की सहस्त्राब्दी में पहले 25 साल बीत गए हैं, ये नई शताब्‍दी का 25वां साल है और नए मिलेनियम यानी नई सहस्त्राब्दी का भी 25वां साल है। उन्होंने कहाकि हम आज जिन नीतियों पर काम कर रहे हैं, जो निर्णय ले रहे हैं, वो एक हजार साल का भविष्य तय करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे शास्त्रों में कहा गया है-यथा हि एकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत्। एवं पुरूषकारेण विना दैवं न सिध्यति॥ यानी जैसे एक चक्र से रथ नहीं चल सकता है, उसी प्रकार बिना मेहनत के सिर्फ भाग्य के भरोसे सफलता नहीं मिलती, विकसित भारत के हमारे लक्ष्य केलिए भी विकास रथ के हर चक्र को मिलकर चलना है, दृढ़ प्रतिज्ञ होकर हर दिन, हर क्षण इस लक्ष्य केलिए काम करना है, जीना है, जिंदगी खपानी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनिया तेजगति से बदल रही है, हमारी नौकरशाही हमारा कामकाज, हमारी पॉलिसी मेकिंग पुराने ढर्रे पर नहीं चल सकती। उन्होंने कहाकि आज भारत के आकांक्षी समाज, युवाओं, किसानों, महिलाओं के सपनों की उड़ान जिस ऊंचाई पर है, वो वाकई अभूतपूर्व है, इनकी पूर्ति केलिए अभूतपूर्व गति भी आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एनर्जी सिक्योरिटी, क्लीन एनर्जी, स्पोर्ट्स, स्पेस यानी ऐसे अनेक नए लक्ष्‍य हर सेक्टर में देश का परचम और नई ऊंचाइयों पर लहराना है। उन्होंने लोकसेवकों से कहाकि हर किसीकी नज़र आप पर है, भरोसा, बहुत बड़ा दायित्व आप है, आपको जल्द से जल्द भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाना है। उन्होंने खुशी जताईकि इसबार सिविल सेवा दिवस की थीम ‘भारत का समग्र विकास’ रखी गई है, ये सिर्फ एक थीम नहीं है, ये हमारा कमिटमेंट है, देश की जनता से हमारा वादा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत का समग्र विकास-कोई गांव पीछे न छूटे, कोई परिवार पीछे न छूटे, कोई नागरिक पीछे न छूटे, असल प्रगति का मतलब छोटे बदलाव नहीं, बल्कि पूर्ण पैमाने पर प्रभाव होता है, हर घर में साफ पानी, हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, हर उद्यमी को वित्तीय पहुंच और हर गांव को डिजिटल अर्थव्यवस्था का लाभ ऐसी ही सुविधाएं हैं, समग्र विकास मैं मानता हूंकि शासन में गुणवत्ता सिर्फ योजनाएं लॉंच करने से नहीं आती, बल्कि शासन में गुणवत्ता से तय होती हैकि वो योजनाएं कितनी गहराई तक जनता केबीच पहुंची और उसका कितना वास्तविक प्रभाव हुआ। प्रधानमंत्री ने कहाकि राजकोट हो, गोमती हो, तिनसुकिया हो, कोरापुट हो ऐसे कितने ही जिलों में हम यही प्रभाव देख रहे हैं, स्कूल में अटेंडेंस बढ़ाने से सोलर पावर तक अनेक जिलों ने बहुत अच्छा काम किया और जो तय किया वो पूरा करके दिखाया है, उनमें से कई जिलों को आज यहां पुरस्कृत किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बीते 10 साल में भारत ने वृद्धिशील परिवर्तन से आगे बढ़कर प्रभावशाली परिवर्तन तकका सफर देखा है, आज भारत का शासन मॉडल अगली पीढ़ी के सुधार पर फोकस कर रहा है, हम प्रौद्योगिकी, नवाचार अभ्यास के जरिए सरकार और नागरिकों केबीच की दूरी समाप्त कर रहे हैं, इसका प्रभाव ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों केसाथ-साथ दूरदराज के इलाकों में भी दिख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आकांक्षी जिले की कईबार चर्चा हुई है, लेकिन आकांक्षात्मक ब्लॉक की सफलता भी उतनी ही शानदार है, ये प्रोग्राम दो साल पहले जनवरी 2023 में लॉंच हुआ था, सिर्फ दो साल में इन ब्लॉक्स ने जो बदलाव दिखाए हैं, वो अभूतपूर्व हैं, इनमें स्वास्थ्य, पोषण, सामाजिक विकास और बुनियादी ढांचे में शानदार प्रगति हुई है और कुछ स्थान पर तो राज्य की एवरेज से भी आगे निकल गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि राजस्थान के टोंक जिले के पीपलू ब्लॉक में दो साल पहले आंगनवाड़ी सेंटर्स में बच्चों की माप दक्षता सिर्फ 20 प्रतिशत थी, अब ये 99 परसेंट से भी ज्यादा हो गई है, बिहार के भागलपुर में जगदीशपुर ब्लॉक में पहली तिमाही में ही गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन पहले सिर्फ 25 परसेंट था, अब ये बढ़कर 90 परसेंट से ज्यादा हो गया है, जम्मू-कश्मीर के मारवाह ब्लॉक में संस्थागत प्रसव पहले 30 प्रतिशत था, जो बढ़करके 100 प्रतिशत हो गया है, झारखंड के गुरडी ब्लॉक में नल से जल का कनेक्शन 18 परसेंट से बढ़कर के 100 परसेंट हो गया है। उन्होंने कहाकि ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, ये अंतिम मील तक डिलीवरी के हमारे संकल्प की सिद्धि को दिखाते हैं, ये दिखाते हैंकि सही इरादा, सही योजना बनाना और सही क्रियांवयन से दूर-दराज के हिस्सों में भी इच्छित परिवर्तन संभव है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इन 10 साल में भारत ने कई परिवर्तनकारी बदलाव करके दिखाए हैं, उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों को छुआ है, भारत आज सिर्फ विकास की वजह से नहीं जाना जा रहा, बल्कि शासन, पारदर्शिता और नवाचार के नए मानक आज भारत सेट कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जी20 प्रेसीडेंसी भी इसका एक उदाहरण है, साठ से ज्यादा शहरों में 200 से ज़्यादा बैठकें इतना बड़ा और समावेशी पदचिह्न जी20 के इतिहास में पहलीबार हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने विलंब प्रणाली को खत्म करने की कोशिश की है, हम नई प्रक्रियाएं बना रहे हैं, हम तकनीकी के माध्यम से बदलाव का समय घटा रहे हैं, व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने केलिए हमने 40 हजार से ज्यादा अनुपालन को खत्म किया है, हमने 3400 से ज्यादा कानूनी प्रावधान को भी अपराधमुक्त कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्हें याद हैकि जब वे अनुपालन का बर्डन कम करने केलिए काम कर रहे थे, व्यापार कारोबार के दौरान होने वाली कुछ गलतियों को अपराधमुक्त कर रहे थे तो उनके लिए आश्चर्य था, कुछ कोने में विरोध के भी स्वर भी उठा करते थे, कई लोग कहते थेकि आज तक नहीं हुआ, आप क्यों कर रहे हैं? चलता है, चलने दो, इससे आपको क्या फर्क पड़ता है? अनुपालन करने दीजिए, आप क्यों अपना काम बढ़ा रहे हैं? चारों तरफ से चर्चाएं चलती थीं, जवाब आते थे, लेकिन जिस लक्ष्य को प्राप्त करना था, उस लक्ष्य का दबाव इन दबावों से ज्यादा था और इसलिए दबाव से दबे नहीं, हम लक्ष्य केलिए चल पड़े। उन्होंने सिविल सेवकों से कहाकि हम पुरानी लीक पकड़कर चलेंगे तो हमें नए परिणाम मिलना मुश्किल होगा, जब हम कुछ अलग करेंगे तभी तो अलग परिणाम भी मिलेंगे और आज इसी सोच की वजह से हमारी व्यापार करने में आसानी की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहाकि आज दुनिया भारत में निवेश करने केलिए बहुत उत्सुक है और ये हमारा काम हैकि हम अवसर जाने न दें, हमें इस अवसर का पूरा लाभ उठाना है। उन्होंने कहाकि हमें राज्यों के स्तरपर जिला और ब्लॉक स्तरपर लाल फीताशाही की हर गुंजाइश को खत्म करना है, तभी आप राज्य और जिला स्तरपर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इन 10-11 साल की देश की जो सफलताएं हैं, उन्होंने विकसित भारत की नींव को बहुत मजबूत किया है, अब देश इस मजबूत नींव पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहाकि भारत अब दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है, ऐसे में बेसिक सुविधाओं की सैचुरेशन हमारे लिए प्राथमिकता होनी ही चाहिएं, अंतिम मील डिलीवरी पर हमेशा बहुत ज्यादा फोकस करते रहना है। नरेंद्र मोदी ने लोकसेवकों से कहाकि अब सिर्फ पिछली सरकारों से तुलना करके अपने काम, अपनी परफॉर्मेंस को हम तय नहीं कर सकते, अब हमें अपनी कसौटी बनाना है, अब जहां हैं वहां से जहां जाना है, वहां अभी कितनी दूरी बाकी है, उस दूरी को पाटने का मेरा रोडमैप क्‍या है, मेरी गति क्‍या है और मैं औरों से जल्‍दी 2047 तक कैसे पहुंच करके सारे लक्ष्यों को प्राप्त कर लूं, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इसी अप्रोच ने 10 साल में 25 करोड़ लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला है और यही अप्रोच भारत को ग़रीबी से पूरी तरह मुक्त करेगा। उन्होंने कहाकि आज हम ऐसा वातावरण निर्माण कर रहे हैं, जो नागरिकों में उद्यम को बढ़ावा देना और उन्हें हर बाधा को पार करने में मदद दे, इसलिए सिविल सेवा को सक्षम करें, सिर्फ रूलबुक के कीपर के रूपमें ही नहीं, बल्कि विकास के सुगमकर्ता के रूपमें अपना विस्तार करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसएमई सेक्टर का उदाहरण दिया, जहां देश ने मिशन मैन्युफैक्चरिंग शुरू किया है और जिसकी सफलता का बहुत बड़ा आधार हमारा एमएसएमई सेक्टर है। उन्होंने कहाकि हमारे एमएसएमई, स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों केपास एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक अवसर है, ऐसे में ये ज़रूरी हैकि हम ग्लोबल सप्लाई चेन में अधिक प्रतिस्पर्धी बनें। उन्होंने कहाकि भारत की इंडस्ट्री का लक्ष्य अगर ग्लोबली बेस्ट प्रोडक्ट बनाने का है तो भारत की ब्यूरोक्रेसी का लक्ष्य दुनिया में सबसे बेस्ट अनुपालन में आसानी का वातावरण देने का होना चाहिए। उन्होंने कहाकि आजकी टेक संचालित दुनिया में सिविल सेवक को ऐसी स्कील्स चाहिएं, जो ना उन्हें सिर्फ तकनीकी समझने में मदद करें, बल्कि उसे स्मार्ट और समावेशी शासन केलिए इस्तेमाल भी कर सकें। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रौद्योगिकी युग में शासन का मतलब प्रणालियों का प्रबंधन करना नहीं है, बल्कि संभावनाओं को बढ़ाना है, हमें तकनीक प्रेमी होना पड़ेगा, ताकि हर नीति और योजना को तकनीकी के ज़रिए ज्यादा कुशल और सुलभ बनाया जा सके। उन्होंने कहाकि हमें डेटा संचालित निर्णय लेने में एक्सपर्ट बनना होगा, जिससे नीति डिजाइनिंग और कार्यांवयन ज्यादा शुद्ध हो सके।
प्रधानमंत्री ने सिविल सेवकों से कहाकि आपको फ्यूचर की प्रौद्योगिकी क्रांति केलिए खुदको तैयार करना होगा, सिस्‍टम को तैयार करने की व्यवस्था भी विकसित करनी पड़ेगी, ताकि नागरिकों को सर्वोत्तम सेवाएं भी दे पाएं और उनकी आकांक्षा को भी पूरा कर सकें। उन्होंने कहाकि हमें सिविल सेवकों की क्षमता को बढ़ाना होगा, ताकि हम एक भविष्य केलिए तैयार सिविल सेवा तैयार कर सकें, इसलिए वे मिशन कर्मयोगी और सिविल सेवा क्षमता निर्माण प्रोग्राम को बहुत अहम मानते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता की शक्ति और कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाना पंच प्राणों के प्रमुख वाहक हैं। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताते हुए युवा अधिकारियों से कहाकि समाज में कोईभी ऐसा नहीं होता है, जिसके जीवन की सफलता में समाज का कुछ न कुछ योगदान न हो, समाज के योगदान के बिना किसी केलिए भी एक कदम भी आगे बढ़ना मुश्किल होता है, इसलिए हर कोई अपने-अपने सामर्थ्य के हिसाब से समाज को लौटाना चाहता है और आप सभी तो बहुत भाग्यशाली हैंकि आपके पास समाज को लौटाने का इतना बड़ा अवसर आपके पास है। आपको देश और समाज ने बहुत बड़ा मौका दिया हैकि आप ज्यादा से ज्यादा समाज को लौटाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इंफ्रास्ट्रक्चर हो, रीन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य हों, इंटरनल सेक्योरिटी हो, करप्शन ख़त्म करने का लक्ष्य हो, सोशल वेलफेयर स्कीम्स हों, ओलंपिक, स्पोर्ट्स से जुड़े लक्ष्य हों हर सेक्टर में हमें नए सुधार करने हैं, हमने अबतक जितना अचीव किया है, अब उससे भी कई गुना ज्यादा हासिल करके दिखाना है और इन सबके बीच हम सबको एक बात याद रखनी हैकि चाहे दुनिया कितनी भी प्रौद्योगिकी चालित हो जाए, हमें मानवीय निर्णय के महत्व को कभी नहीं भूलना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसेवकों से कहाकि संवेदनशील रहिए, ग़रीब की आवाज़ सुनिए, ग़रीब की तकलीफ समझिए, उनका समाधान करना अपनी प्राथमिकता बनाइए जैसे-अतिथि देवो भव: होता है, वैसेही नागरिक देवो भव: मंत्र को लेकरके हमें चलना है। उन्होंने सिविल सेवकों से कहाकि आपको सिर्फ भारत के लोकसेवक के रूपमें ही नहीं, विकसित भारत के शिल्पकार के रूपमें अपने आपको दायित्व केलिए तैयार करना है। लोकसेवा दिवस सम्मेलन में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, प्रधान सचिव शक्तिकांत दास, कैबिनेट सचिव डॉ टीवी सोमनाथन, वी श्रीनिवास और देशभर से सिविल सर्विसेज के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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