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Thursday 24 April 2025 04:20:23 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देशवासियों को यह आश्वासन दिया हैकि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले केलिए जिम्मेदार लोगों को जल्दही भारतीय धरती पर उनके नापाक कृत्यों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने आतंकवाद कतई बर्दाश्त न करने के भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया और कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर आवश्यक और उचित कदम उठा रही है। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत एक पुरानी सभ्यता है और इतना बड़ा देश कभीभी किसीभी आतंकवादी गतिविधि से घबरा नहीं सकता है, इस कायराना हरकत के खिलाफ हर भारतीय एकजुट है और न केवल हमला करने वालों को, बल्कि भारतीय धरती पर ऐसे नापाक कृत्य करने केलिए पर्दे के पीछे से साजिश रचने वालों पर भी जल्दही सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली में भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह पर स्मारक व्याख्यान दे रहे थे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमापार से सहायता प्राप्त आतंकवादी घटनाओं के संदर्भ में कहाकि इतिहास साक्षी हैकि देशों का पतन दुश्मन की हरकतों के कारण नहीं, बल्कि उनके अपने कुकर्मों के कारण हुआ है। उन्होंने कहाकि सीमापार के लोग इतिहास के सबक को और करीब से देखेंगे। राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों केप्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहाकि आतंकवादियों द्वारा धर्म को निशाना बनाकर किएगए कायराना हमले में हमारे देश ने कई निर्दोष नागरिकों को खो दिया है, इस अत्यंत अमानवीय कृत्य ने हमें बहुत पीड़ा पहुंचाई है। रक्षामंत्री ने भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके नेतृत्व, दूरदर्शिता एवं समर्पण को अविश्वसनीय बताया। उन्होंने कहाकि वे एक दूरदर्शी सैन्य अधिकारी थे, जो आजभी युवाओं को प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहाकि यदि आज भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे मजबूत वायु सेनाओं में से एक है तो यह भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह जैसे सैन्य अधिकारियों के दूरगामी दृष्टिकोण और मूल्यों की वजह से है।
राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की शुरू से अबतक की यात्रा को एक महत्वाकांक्षी, प्रेरणादायक और परिवर्तनकारी बताया, जो न केवल आसमान छूने केबारे में है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने केबारे में भी है। उन्होंने कहाकि चुनौतियों के बावजूद भारतीय वायुसेना अब और अधिक मजबूत हुई है। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय वायुसेना एक सशक्त स्तंभ के रूपमें राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है और सरकार का ध्यान सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर रूपांतरित करने में है। उन्होंने भारतीय वायुसेना को एक प्रमुख शक्ति के रूपमें स्थापित करने की प्रतिबद्धता दोहराई और कहाकि सुसज्जित व अत्यधिक प्रौद्योगिकी उन्मुख भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भी मजबूत की जा रही है। राजनाथ सिंह ने कहाकि आयात पर निर्भरता के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती है और यही कारण है, जो रक्षा संप्रभुता हासिल करने केलिए सरकार अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहाकि देश के भीतर रक्षा उपकरणों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है और रक्षा मंत्रालय के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
रक्षामंत्री ने कहाकि हल्के लड़ाकू विमान तेजस, उन्नत कम भार वाले हेलीकॉप्टर ध्रुव, हल्के उपयोगिता वाले हेलीकॉप्टर प्रचंड, आकाश और ब्रह्मोस वायुरक्षा हथियारों को भारतीय डिजाइनरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की क्षमता के उज्ज्वल उदाहरण बताया। रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षा निर्माण में न केवल सार्वजनिक क्षेत्रमें अभूतपूर्व वृद्धि है, बल्कि निजी उद्योग जगत भी इसमें बड़े उत्साह केसाथ भाग ले रहा है, रक्षा उत्पादन का क्षेत्र जैसे-जैसे तकनीक उन्मुख हो रहा है, स्टार्टअप्स और एमएसएमई की भूमिका भी तेजीसे बढ़ रही है। रक्षामंत्री ने कहाकि ये रक्षा नवाचार की रीढ़ हैं, आनेवाले समय में हाईटेक युद्ध में निजी क्षेत्र, स्टार्टअप्स व एमएसएमई की भूमिका औरभी अधिक बढ़ने वाली है। राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एयरो इंजन विकास को सरकार की प्राथमिकता वाला क्षेत्र बताया। उन्होंने कहाकि इनको भारत में ही सह विकास और सह उत्पादन के मॉडल पर बनाया जाएगा। उन्होंने कहाकि पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों और एलसीए मार्क-2, एस्ट्रा मार्क-2, प्रलय, स्मार्ट, एंटी फील्ड हथियार, एनजी एंटी रेडिएशन मिसाइल तथा बहुत कम दूरी की वायुरक्षा प्रणाली जैसी वायुरक्षा प्रणालियों पर काफी हदतक आत्मनिर्भरता हासिल की जा चुकी है और ये उत्पादन एवं विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि 21वीं सदी में शक्ति का झुकाव एशिया की ओर होनेके कारण हिंदप्रशांत क्षेत्र रणनीतिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूपमें उभरकर सामने आया है। उन्होंने कहाकि सरकार अस्थिर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और तकनीकी क्रांति से उत्पन्न जटिल चुनौतियों से निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राजनाथ सिंह ने बतायाकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हाइपरसोनिक निर्देशित हथियार, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन, साइबर व अंतरिक्ष तकनीक के बढ़ते उपयोग सहित प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें क्रांतिकारी सफलता ने आधुनिक युद्ध में अप्रत्याशितता एवं घातकता ला दी है, जिससे यह अपरंपरागत और अधिक अनिश्चित हो गया है। उन्होंने इन चुनौतियों और अनिश्चितताओं से निपटने केलिए नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की। मार्शल अर्जन सिंह पर स्मारक व्याख्यान में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, वरिष्ठ असैन्य एवं सैन्य अधिकारी, भारतीय वायुसेना के वर्तमान और सेवानिवृत्त कर्मियों ने भी भाग लिया।