सीमा सड़क संगठन बना संचार और कनेक्टिविटी का पर्याय-राजनाथ सिंह
सीमावर्ती इलाकों में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की अटूट प्रतिबद्धता व्यक्त कीस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 8 December 2025 02:43:48 PM
लेह। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन की मील का पत्थर 125 रणनीतिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। रक्षामंत्री ने कहाकि बीआरओ संचार और कनेक्टिविटी का पर्याय है और सीमावर्ती क्षेत्रोंमें विकास के इन दो महत्वपूर्ण पहलुओं को मज़बूत करने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू कश्मीर तथा 7 राज्य अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मिजोरम में फैली ये परियोजनाएं 28 सड़कें, 93 पुल और 4 विविध लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई हैं। ये बीआरओ के इतिहास में सबसे अधिक लागत वाली परियोजनाएं हैं, इनसे दूर गांवों और अग्रिम सैन्य ठिकानों तक अंतिम चरण तक कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिससे ये क्षेत्र राष्ट्रीय मुख्यधारा के और ज्यादा करीब आ जाएंगे। रक्षामंत्री ने इन परियोजनाओं को विकसित भारत के अनुरूप देश के सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। यह उद्घाटन कार्यक्रम लद्दाख के दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर श्योक सुरंग पर हुआ।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहाकि दुनिया के सबसे दुर्गम और चुनौतीपूर्ण भूभागों में निर्मित ये परियोजनाएं इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना हैं, जो इस रणनीतिक क्षेत्रमें हर मौसम में विश्वसनीय संपर्क सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने कहाकि 920 मीटर लंबी यह कट एंड कवर सुरंग विशेष रूपसे कठोर सर्दियों में सुरक्षा, गतिशीलता और त्वरित तैनाती क्षमताओं को बढ़ाएंगी, क्योंकि यह क्षेत्र भारी बर्फबारी, हिमस्खलन और अत्यधिक तापमान केलिए अनुकूल है। रक्षामंत्री ने सशस्त्र बलों के जवानों की अद्वितीय बहादुरी, प्रतिबद्धता और बलिदान को सम्मानित करने केलिए अरुणाचल प्रदेश में गलवान युद्ध स्मारक का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। रक्षामंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास केप्रति नरेंद्र मोदी सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहाकि ये संपर्क साधन सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और आपदा प्रबंधन केलिए जीवन रेखाएं हैं। उन्होंने कहाकि सीमावर्ती क्षेत्रोंमें मज़बूत बुनियादी ढांचे के अनेक लाभ हैं, यह सैन्य गतिशीलता, रसद का सुचारू परिवहन, पर्यटन और रोज़गार के अवसरों में वृद्धि और सबसे महत्वपूर्ण विकास, लोकतंत्र और सरकार में मज़बूत विश्वास सुनिश्चित करता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि जिस तेज़ीसे भारत सड़कों, सुरंगों, स्मार्ट बाड़, एकीकृत कमांड सेंटर और निगरानी प्रणालियों केसाथ अपनी सीमाओं को मज़बूत कर रहा है, वह इसबात का प्रमाण हैकि कनेक्टिविटी सुरक्षा की रीढ़ है, न कि कोई अलग इकाई। उन्होंने जटिल परियोजनाओं को गति और दक्षता केसाथ और स्वदेशी समाधानों से पूरा करके राष्ट्रीय विकास में उल्लेखनीय तेज़ी लाने केलिए बीआरओ की सराहना की। उन्होंने कहाकि सरकार सशस्त्र बल और बीआरओ जैसे संगठन हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास केलिए लगन से काम कर रहे हैं, हमें सीमावर्ती क्षेत्रों और राष्ट्रीय मुख्यधारा केबीच के बंधन को मज़बूत करते रहना चाहिए, ताकि ये रिश्ते किसीभी बाहरी कारक से प्रभावित न हों। ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए रक्षामंत्री ने कहाकि इतना बड़ा ऑपरेशन हमारी मज़बूत कनेक्टिविटी के कारण ही संभव हो पाया, सशस्त्र बलों तक रसद समय पर पहुंचाई गई, सीमावर्ती क्षेत्रों केसाथ हमारा संपर्क बना रहा, जिससे यह ऑपरेशन ऐतिहासिक रूपसे सफल रहा।
राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में निवासियों और सशस्त्र बलों केबीच समन्वय, यह पारस्परिकता ही हमारी पहचान है, यही हमें दुनिया में विशिष्ट बनाती है। रक्षामंत्री ने कहाकि कनेक्टिविटी और संचार न केवल सुरक्षा, बल्कि आर्थिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह विकासोन्मुखी नीतियों और सुधारों केसाथ प्रत्येक भारतीय की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहाकि आज हम कई युद्ध और संघर्ष देख रहे हैं, लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था निरंतर बढ़ रही है, हम आगे बढ़ रहे हैं। राजनाथ सिंह ने तकनीकी नवाचार में उल्लेखनीय प्रगति केलिए बीआरओ की प्रशंसा करते हुए कहाकि उन्नत इंजीनियरिंग पद्धतियां बुनियादी ढांचे के निर्माण और वितरण में तेज़ी ला रही हैं। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण केतहत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स केसाथ साझेदारी में बीआरओ के स्वदेशी रूपसे विकसित क्लास-70 मॉड्यूलर पुलों को अपनाने का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि कई अग्रिम स्थानों पर इन मॉड्यूलर पुलों का सफल निर्माण इसबात का एक सशक्त उदाहरण हैकि कैसे स्वदेशी तकनीक सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास और बदलाव ला रही है। रक्षामंत्री ने रक्षा निर्माण में देश को आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहाकि भारत, जो कभी आयात पर निर्भर था, आज एक बड़े बदलाव का गवाह बन रहा है।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने इस अवसर पर रक्षामंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और नरेंद्र मोदी सरकार की प्रगतिशील नीतियों और बढ़े हुए सहयोग केलिए आभार व्यक्त किया, जिससे बीआरओ अपनी परिचालन क्षमताओं का विस्तार कर पाया। उन्होंने कहाकि बीआरओ देश के सबसे चुनौतीपूर्ण और रणनीतिक रूपसे महत्वपूर्ण इलाकों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियांवयन केलिए गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों की पसंदीदा एजेंसी है। उद्घाटन कार्यक्रम राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े, मिजोरम के राज्यपाल जनरल विजय कुमार सिंह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, संसदीय एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, 14 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला, बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारी और कार्मिक उपस्थित थे।