'पीढ़ी दर पीढ़ी कारीगरों से हस्तशिल्प परंपरा जीवंत और संरक्षित'
प्रत्येक कलात्मक रचनाओं में देश की मिट्टी की खुशबू है-द्रौपदी मुर्मुस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 9 December 2025 05:21:07 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज वर्ष 2023-24 केलिए समारोहपूर्वक हस्तशिल्प कारीगरों को राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि कला हमारे अतीत की स्मृतियों, वर्तमान के अनुभवों और भविष्य की आकांक्षाओं को प्रतिबिम्बित करती है, प्राचीनकाल से ही मनुष्य चित्रकला या मूर्तिकला के माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता आ रहा है। उन्होंने कहाकि कला लोगों को संस्कृति से जोड़ती है, लोगों को एक-दूसरे से भी जोड़ती है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारी सदियों पुरानी हस्तशिल्प परंपरा के जीवंत और संरक्षित रहने का श्रेय पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे कारीगरों की प्रतिबद्धता को जाता है। उन्होंने कहाकि हमारे कारीगरों ने अपनी कला और परंपरा को समय केसाथ ढाला है और साथही मूल भावना कोभी जीवित रखा है। उन्होंने अपनी प्रत्येक कलात्मक रचना में देश की मिट्टी की खुशबू को संजोकर रखा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हस्तशिल्प न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है, बल्कि आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। उन्होंने कहाकि यह क्षेत्र देशमें 32 लाख से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देता है, उल्लेखनीय हैकि हस्तशिल्प से रोज़गार और आय प्राप्त करने वाले ज़्यादातर लोग ग्रामीण या दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। उन्होंने कहाकि यह क्षेत्र रोज़गार और आय का विकेंद्रीकरण करके समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। राष्ट्रपति ने कहाकि सामाजिक सशक्तिकरण केलिए हस्तशिल्प को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, यह क्षेत्र पारंपरिक रूपसे कमज़ोर वर्गों के लोगों को सहायता प्रदान करता रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि हस्तशिल्प न केवल कारीगरों को आजीविका का साधन प्रदान करता है, बल्कि उनकी कला उन्हें समाज में पहचान और सम्मान भी दिलाती है। उन्होंने कहाकि इस क्षेत्रमें कार्यरत कार्यबल में 68 प्रतिशत महिलाओं की हिस्सेदारी है और इस क्षेत्रके विकास से महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहाकि हस्तशिल्प उद्योग की सबसे बड़ी ताकत प्राकृतिक और स्थानीय संसाधनों पर इसकी निर्भरता है, यह उद्योग पर्यावरण के अनुकूल है और इसमें कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आज दुनियाभर में पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ जीवनशैली की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है, ऐसे में यह क्षेत्र स्थायित्व में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। राष्ट्रपति ने जीआई टैग से दुनियाभर में भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों की पहचान को मज़बूत करने की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने सभी हितधारकों से अपने अनूठे उत्पादों केलिए जीआई टैग प्राप्त करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि जीआई टैग उनके उत्पादों को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेगा और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर उनकी विश्वसनीयता को बढ़ाएगा। उन्होंने कहाकि एक ज़िला एक उत्पाद पहल हमारे क्षेत्रीय हस्तशिल्प उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय पहचान को भी मज़बूत कर रही है। उन्होंने कहाकि भारतीय हस्तशिल्प की मांग में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं, यह क्षेत्र युवा उद्यमियों और डिज़ाइनरों को उद्यम स्थापित करने के बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारे कारीगरों के पीढ़ी दर पीढ़ी संचित ज्ञान, समर्पण और कड़ी मेहनत के बल पर भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों की दुनियाभर में अपनी अलग गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय पहचान है।