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आंचलिक परिषद ने अबतक 450 मुद्दे निपटाए

कोलकाता में पूर्वोत्तर आंचलिक परिषद की 23वीं बैठक हुई

आपस में समन्वय को प्रोत्साहन दें सभी राज्य-गृहमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 2 October 2018 02:01:53 PM

meeting of the eastern zonal council, in kolkata

कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में कोलकाता में पूर्वोत्तर आंचलिक परिषद की 23वीं बैठक हुई, जिसमें पश्चिम बंगाल, झारखंड के मुख्यमंत्री, बिहार के उपमुख्यमंत्री और ओडिशा सहित परिषद में शामिल राज्यों के मंत्री एवं केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। गृहमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि आंचलिक परिषदों जैसी संस्थाओं और अंतर्राज्यीय परिषद को मजबूत बनाया जाए, ताकि राज्यों के बीच सहयोग के अच्छे माहौल को बढ़ावा दिया जा सके और उसे बरकरार रखा जा सके। उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप इन चार वर्ष में आंचलिक परिषद की 13 और स्थायी समिति की 15 बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें करीब 700 मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और इनमें से करीब 450 का हल निकाला गया।
पूर्वोत्तर आंचलिक परिषद ने बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच 1978 के समझौते के अंतर्गत फुलबाड़ी बांध, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़े वर्गों के लिए मैट्रिक के बाद और मैट्रिक से पहले छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत केंद्र का हिस्सा जारी करने, कोलकाता और हाजीपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के लिए भूमि का आवंटन, एकीकृत खाद्यान सुदृढ़ीकरण परियोजना के जरिए मां और बच्चे का पोषण, पूर्वी भारत में हरित क्रांति लाने के उपायों, पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में खनन और कोयला खनन से जुड़े विषयों, बिहार के विभाजन और झारखंड राज्य बनने से उत्पन्न विषयों, वामपंथी उग्रवाद पर अंकुश लगाने के उपायों, पूर्वी क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रेलों के आवागमन, रेलवे के विद्युतीकरण, समर्पित माल भाड़े गलियारे का निर्माण, लेवल क्रॉसिंग के स्थान पर पुलों पर सड़क और पुलों के नीचे सड़क, गृह मंत्रालय की केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबलों की तैनाती के लिए अग्रिम भुगतान की स्थिति में छूट, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष के अंतर्गत बिहार को बकाया राशि जारी करने के संबंध में पिछली बैठक के अनुसुलझे विषयों की प्रगति की समीक्षा की।
पूर्वोत्तर आंचलिक परिषद ने बैठक में 15 नए मुद्दों को उठाया गया, जिनमें आवंटित कोयला खानों का विकास, विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का कार्यान्वयन, डीएवाई-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत शहरी बेघरों के लिए आश्रय की स्थापना, ऑप्टिकल फायबर केबल बिछाने के लिए तेजी से मंजूरी, अध्यापकों को शिक्षा, इन राज्यों में 11 हवाईअड्डों के विकास के लिए भूमि अधिग्रहण, पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार कानून 1996 के प्रावधानों को लागू करना, आंकड़ों को मजबूत बनाने की योजना, राजपत्रित अधिकारियों द्वारा हलफनामों और प्रमाणपत्रों का अनुप्रमाणन और स्व-अनुप्रमाणन की इजाजत, भारत सरकार की वेबसाइटों, ई-कार्यालय, ई-शासन और जन-शिकायत पोर्टल के नोडल अधिकारी के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन शामिल हैं। बैठक में आज जिन 30 विषयों पर चर्चा की गई, उनमें से 26 का हल निकाल लिया गया।
पूर्वोत्तर आंचलिक परिषद की बैठक से पहले परिषद की स्थायी समिति की 21 दिसंबर 2017 को बैठक हुई थी, जिसमें इन राज्यों में नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने, मत्स्य पालन से जुड़े मुद्दों, मवेशियों और मुर्गी पालन की उत्पादकता, भीषण बाढ़ से प्रभावित इलाकों के लिए मॉडल बाढ़ कोड़, इन राज्यों में साम्प्रदायिक स्थिति, रांची में डोपलर रेडार की स्थापना, 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत निधियन को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा की गई थी। राज्य पुनर्गठन कानून 1956 के अंतर्गत पांच आंचलिक परिषदों पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी और मध्य की स्थापना की गई थी, ताकि अंतर्राज्यीय सहयोग और राज्यों के बीच समन्वय को प्रोत्साहित किया जा सके।

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