यूपी के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने सोचा होगा कि एमएलसी सुनील सिंह से भी वे उनका बंगला या उसकी जमीन ले लेंगे लेकिन यह पासा उल्टा पड़ गया है। इसे लेने के लिए जिस प्रकार का दबाव बनाया है वह रिकार्डिंग सुनकर समझा जा सकता है। बंगले के अधिग्रहण की भी वे इशारे-इशारे में धमकी दे रहे हैं। इस टेप मे सबसे अहम बात यह है कि प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शैलेश कृष्ण बड़े ही आत्म विश्वास से कोर्ट की बेंच...

मधु कोडा, देश में कांग्रेस की राजनीति का एक घोर पाप है, जिसका घड़ा धड़ाम से फूटा है। उसने झारखंड में निरीह और भोले-भाले आदिवासियों पर भारी भरकम अजगर छोड़ दिए जिन्होंने झारखंड को लूट-खसोट कर उसे नक्सलियों की आग में जलने को छोड़ दिया। मधु कोडा जैसे दैत्य कभी सर न उठाते यदि कांग्रेस झारखंड में भाजपा को पटकनी देने के लिए राजनीतिक...

आपने लखनऊ में कहा था कि अपन का ऊपर भी इंडियन एक्सप्रेस हाउस रहेगा। किसी संस्थान के प्रति निष्ठा की ऐसी बेजोड़ मिसाल पेश करने वाले प्रभाष जोशी जी आप ठीक ही कह रहे थे। यहां आपकी निष्ठा पर कोई उंगुली नहीं उठा पाया। पत्रकारिता के प्रभाष जोशी युग के अंत होने से अपूर्णनीय नुकसान हुआ है, लेकिन जब-जब देश में हिंदी पत्रकारिता के...

कश्मीररूखसाना कौशर में आतंक का बहादुरी से मुकाबला करने वाली रूखसाना कौशर का हिंदुस्तान कायल हो गया है। उसकी बहादुरी के चर्चे पाकिस्तान अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में हो रहे हैं। हर कोई उसे सैल्यूट करता है। जम्मू कश्मीर में न जाने कितनी ऐसी बहादुर लड़कियां होंगी जिनकी भुजाएं आज आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने के लिए...

दलित वोटों को अपनी रैयत समझकर उन्हें ठेकेदारों, गुंडों और माफियाओं को बेचती आ रहीं बसपा अध्यक्ष मायावती के भ्रष्टाचार जनित अहंकार का 'मर्दन' करने निकले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के लिए उत्तर प्रदेश में किसी ताकतवर दलित नेता को आगे किए बिना ऐसा कर पाना संभव नहीं है। राहुल गांधी को कांग्रेस के 'दलित मिशन' के लिए ऐसा दलित...
देश में काम की कमी नहीं है, लेकिन काम आदमियों के लिए नहीं है, मशीनों के लिए है। आम मेहनतकश अनपढ़ लोगों का काम बुल्डोजर जैसी मशीने लेती जा रही हैं और पढ़े-लिखे लोगों का काम कम्प्यूटर लेता जा रहा है। ऐसे में हर हाथ को काम देने और दिला पाने का नारा केवल एक गैरजिम्मेदार व्यक्ति ही उछाल सकता है, जिसने बदली हुई परिस्थितियों का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया है। एक याचिका में कहा गया है कि 1750 रुपए प्रत्येक...

बहुजनमायावती और अमर सिंह समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच घटिया दर्जे का वाक-युद्ध अपने चरम पर है। उत्तर प्रदेश्ा की तेईस करोड़ की आबादी पर समय-समय पर राज करने वाली इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने सत्ता को हथियाने और अपना कब्जा बनाए रखने के लिए जिन हथकंडों का इस्तेमाल किया हुआ है उनसे प्रबुद्ध वर्ग...

मुंबई फिल्मों में अक्सर एक छोटा सा बच्चा फुटपाथ पर बूट-पॉलिश करता है और उसके सामने पॉलिश का पैसा फेंक देने पर वह स्वाभिमान में अकड़ते हुए डॉयलॉग बोलता है कि 'साहब वह मेहनत का पैसा ले रहा है न कि कोई भीख।' बूट-पॉलिश कराने वाला साहब उससे प्रभावित होता है और फिर उसके हाथ में पैसे दे देता है। वास्तविकता देखनी हो तो मुंबई आइए जहां...

नौकरशाही को उसका धर्म बताना या उनके कर्त्तव्यों और कार्यप्रणाली पर टीका टिप्पणी करना या सलाह देना उनके 'ईगो' को सीधे चोट पहुंचाना समझा जाता है। ये अपने स्वार्थ या किसी दबाव में ही अक्सर काम करते देखे जाते हैं। यही कार्य प्रणाली आज इनके लिए मुसीबत बन गई है। वास्तव में उत्तर प्रदेश में नौकरशाहों की गुलामों से भी बदतर स्थिति...

सास गारी देवे, देवर जी समझा लेवे, ससुराल गेंदा फूल.... में रायपुर का भी जिक्र आता है। इस गाने के बोल छत्तीसगढ़ी भाषा में हैं, जिसे पहली बार रायपुर की ही प्रसिद्ध जोशी बहनों ने गाया है। हालांकि अब जोशी बहनों को दुख है कि इस गीत को फिल्मकार ने छत्तीसगढ़ को क्रेडिट नहीं दिया है। अगर ऐसा होता तो और अच्छा होता, मगर उन्हें इसका ज्यादा...

गांधीजीBapu इस मामले में बहुत साफ थे कि सिर्फ अंग्रेजों के देश के चले जाने से भारत को सही स्वराज्य नहीं मिल सकता, वे साफ कहते हैं कि हमें पश्चिमी सभ्यता के मोह से बचना होगा। पश्चिम के शिक्षण और विज्ञान से गांधी अपनी संगति नहीं बिठा पाते। वे भारत की धर्मपरायण संस्कृति में भरोसा जताते हैं और भारतीयों से आत्मशक्ति के उपयोग...

वायुयान से देवदूतों की तरह रायपुर की धरती पर उतरने वाले बुध्दिजीवी, बस्तर के गांवों के दर्द को नहीं समझ सकते। आंखों पर जब खास रंग का चश्मा लगा हो, तो खून का रंग नहीं दिखता। वे लोगों के गांव छोड़ने से दुखी हैं, लेकिन कोई किस पीड़ा, किस दर्द में अपनी आत्मरक्षा के लिए अपना गांव छोड़ता है, इस संदर्भ को नहीं जानते। सलवा-जुड़ूम...

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सड़कों के रखरखाव पर सालाना करोड़ों रूपए की धनराशि खर्च करने पर भी सड़कों की स्थिति बहुत दयनीय है। इन सड़कों पर भीषण दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। हर साल सैकड़ों लोग इन हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। यहां आने वाले पर्यटक और तीर्थयात्री पहाड़ों की लाजवाब प्राकृतिक छटा के साथ ही इन कष्टदाई...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार यह तय करे कि अब किसी सार्वजनिक स्थान या सड़क पर मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरूद्वारा नहीं बनेगा अगर सार्वजनिक स्थान पर इनमे से एक भी निर्माण हुआ तो संबंधित अधिकारी को समुचित सजा दी जाएगी। इस महाआदेश के लिए हम उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं। केंद्र सरकार इस मामले पर यदि राज्यों के साथ सहमति बनाने...

भारतीय रेल मंत्रालय के रेलवे बोर्ड की एकमात्र मासिक हिंदी पत्रिका भारतीय रेल अगस्त-2009 को अपनी गौरवशाली यात्रा की स्वर्ण जयंती मना रही है। बीते पांच दशक में इस पत्रिका ने रेलकर्मियों सहित पाठक वर्ग में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम की है। इस अवधि में जहां भारत सरकार की कई पत्रिकाएं बंद हो गईं या बहुत सीमित दायरे तक पहुंच...