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Friday 25 April 2025 12:44:54 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने इंदिरा गांधी स्टेडियम नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में डिजीलॉकर पर खेल प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा का शुरूआत कर दी है। डॉ मनसुख मांडविया ने खिलाड़ियों के कल्याण केलिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार की सभी खेल पहलें खिलाड़ियों पर केंद्रित हैं। राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक-2024, राष्ट्रीय खेल नीति-2024 के मसौदे और खेलों में आयु धोखाधड़ी के खिलाफ राष्ट्रीय संहिता-2025 के मसौदे का हवाला देते हुए उन्होंने कहाकि ये भारतीय खेल इकोसिस्टम में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुशासन सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाते हैं। उन्होंने घोषणा कीकि डिजिलॉकर पर खेल प्रमाण पत्रों को जल्दही राष्ट्रीय खेल रिपोजिटरी प्रणाली केसाथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से सरकारी नकद पुरस्कारों का स्वचालित वितरण सीधे एथलीटों के बैंक खातों में हो सकेगा और कागजी आवेदन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय खेल विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र का भी उद्घाटन किया।
खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहाकि पहले ऐसा होता थाकि खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने केबाद सरकारी नकद पुरस्कार केलिए आवेदन करना पड़ता था। उन्होंने कहाकि वे नहीं चाहतेकि खिलाड़ियों को अपने उचित सम्मान पाने में कोई परेशानी हो, इसलिए इन पहलों का उद्देश्य उनके लिए इसे आसान बनाना है। डॉ मनसुख मांडविया ने वर्ष 2036 ओलंपिक की मेजबानी केलिए भारत की दावेदारी का समर्थन करने वाले रोडमैप के बारेमें बात की। उन्होंने वर्ष 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी में भारत की रुचि कोभी दोहराया। राष्ट्रीय खेल महासंघों से सुशासन और एथलीट कल्याण को प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए डॉ मनसुख मांडविया ने खेल तंत्र को मजबूत करने केलिए एथलीटों, महासंघों और सरकार से सामूहिक प्रयास करने को कहा। उन्होंने घोषणा कीकि दिल्ली के आईजी स्टेडियम में इच्छुक राष्ट्रीय खेल महासंघों को कार्यालय स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। डॉ मनसुख मांडविया ने 'एक खेल-एक कॉर्पोरेट' नीति की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य खेल विकास केलिए महासंघों की सहायता लेना और वित्तीय सहायता आकर्षित करना है। इसके अतिरिक्त उच्च प्राथमिकता वाले खेल विषयों केलिए ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्रों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल केतहत विकसित किया जाएगा।
डॉ मनसुख मांडविया ने कहाकि राष्ट्रीय खेल विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र उच्चस्तरीय शोध, शिक्षा और नवाचार के केंद्र के रूपमें काम करेगा, इसका उद्देश्य शीर्ष एथलीटों के प्रदर्शन को और उत्कृष्ट बनाना है। उन्होंने कहाकि इस तरह की पहल वर्ष 2047 तक विकसित भारत के तहत देश के दीर्घकालिक खेल दृष्टिकोण को पूरा करने में सहायक होगी। डॉ मनसुख मांडविया ने कहाकि हम नए भारत केलिए एक मजबूत खेल संस्कृति का निर्माण कर रहे हैं। डिजिलॉकर पर खेल प्रमाणपत्र की सुविधा की प्रशंसा करते हुए ओलंपिक रजत पदक और मेजर ध्यानचंद खेलरत्न से सम्मानित मीराबाई चानू ने कहाकि यह खिलाड़ियों केलिए वाकई एक अच्छी योजना है, डिजिलॉकर पर खेल प्रमाणपत्र हो जाने से उनके जैसे सभी खिलाड़ियों की परेशानी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहाकि कई बार खिलाड़ियों को कुछ दस्तावेज़ों केलिए घर वापस जाना पड़ता है जैसे-सरकारी नौकरी, वीज़ा आदि, क्योंकि वे उन्हें हमेशा अपने साथ नहीं रखते हैं और इस पहल केलिए सभी खिलाड़ियों की ओर खेल मंत्री को धन्यवाद दिया।