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नई दिल्ली। शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने जोर देते हुए कहा है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को आधुनिक तकनीक अपनाने के साथ-साथ सेवाभाव, भविष्य की योजना और राजधानी के सभी वर्गों के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के आवासों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। दिल्ली में डीडीए के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कमलनाथ ने उनसे आत्ममंथन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि आप सभी अपने अंदर झांके और स्वयं से पूछें कि क्या जो कोई भी डीडीए में आता है, वह यहां से संतुष्ट होकर जाता है या अपने को उलझन में महसूस करता है? सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डीडीए में आने की जरूरत क्यों महसूस की गई?
कमलनाथ ने कहा कि डीडीए को आधुनिक तकनीक को अपनाना चाहिए और सभी प्रणालियों को कंप्यूटरीकृत किया जाना चाहिए, ताकि लोग ऑनलाइन तरीके से संपत्तियों का कनवर्जन लीज-होल्ड से फ्री-होल्ड में कर सकें। कमलनाथ ने यह भी कहा कि डीडीए के अधीन मूल्यवान भूमि संबंधी दस्तावेजों का अंकीकरण और रख रखाव सही एवं सुरक्षित तरीके से होना चाहिए। मास्टर प्लान पर चल रही समीक्षा पर बोलते हुए कमलनाथ ने कहा कि एमपीडी 2021 की समीक्षा डीडीए के बंद दरवाजों के पीछे नहीं होनी चाहिए बल्कि इस प्रक्रिया में भागीदारी होनी चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिया कि समीक्षा प्रकोष्ठ की अध्यक्षता उपयुक्त वरिष्ठता वाले अधिकारियों से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समीक्षा प्रकोष्ठ के अधिकारियों के नाम और उनके संपर्क संबंधी विवरण समाचार पत्रों में भी प्रकाशित किए जाने चाहिएं, डीडीए को हर एक क्षेत्र में खुले-सत्र का आयोजन करना चाहिए और उन क्षेत्रों में जाकर वहां की जमीनी हकीकत को समझना चाहिए। डीडीए के योजना विभाग को दिल्ली सरकार के त्रिविमिय भू-स्थानिक योजना के संबंधित अंशों का भी उपयोग करना चाहिए, शहरी कार्य राष्ट्रीय संस्थान को भी मास्टर प्लान की समीक्षा में शामिल करना चाहिए।
कमलनाथ ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आवास का निर्माण डीडीए के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य होना चाहिए और डीडीए को प्रतिवर्ष ऐसे एक लाख आवासों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कमलनाथ ने अधिकारियों को स्मरण दिलाते हुए कहा कि एमपीडी 2021 की सबसे महत्वपूर्ण बात भूमि नीति से संबंधित है, जिसका उद्देश्य विकास और आवास के लिए मौजूदा संसाधनों का भरपूर उपयोग करना है। उन्होंने डीडीए से निजी क्षेत्र के क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उचित नीति तैयार करने का आग्रह किया। बैठक में दिल्ली के उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना, डीडीए के उपाध्यक्ष, शहरी विकास मंत्रालय के सचिव सहित मंत्रालय और डीडीए के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।