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जितेन्द्र ‘जौहर’ की तीन ग़ज़लें

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जितेन्द्र ‘जौहर’-Jitendra-Jauhar

एक

ख़ुशामद का मिरे होठों पे, अफ़साना नहीं आया।

मुझे सच को कभी भी झूठ बतलाना नहीं आया।

हुनर अपना कभी मैंने, कहीं गिरवी नहीं रक्खा,

इसी कारण मेरी झोली में नज़राना नहीं आया।

भले ही मुफ़लिसी के दौर में फ़ाक़े किये मैंने,

मगर मुझको कभी भी हाथ फैलाना नहीं आया।

किसी अवरोध के आगे, कभी घुटने नहीं टेके,

मैं दरिया हूँ मुझे राहों में रुक जाना नहीं आया।

सियासत की घटाएं तो बरसती हैं समुन्दर में,

उन्हें प्यासी ज़मीं पे प्यार बरसाना नहीं आया।

परिन्दे चार दाने भी, ख़ुशी से बांट लेते हैं,

मगर इंसान को मिल-बाँट के खाना नहीं आया।

अनेकों राहतें बरसीं, हज़ारों बार धरती पर,

ग़रीबी की हथेली पर कोई दाना नहीं आया।

सरे-बाज़ार उसकी आबरू लु्टती रही ‘जौहर’

मदद के वास्ते लेकिन कभी थाना नहीं आया।

                             दो

'कुहुक-कूकू, कुहुक-कूकू', स्वरों में बोल देती है!

वो मेरे कान में क्या ख़ूब मिसरी घोल देती है!

यूं लगता है कि जैसे चांद धरती पे चला आया,

वो मेरे रूबरू आ के जो घूंघट खोल देती है।

बिना क़ीमत ज़माने में, ज़हर तक भी नहीं हासिल,

मगर वो प्यार का अमृत मुझे बेमोल देती है!

ज़माने के सितम सहकर, मैं जब भी टूट जाता हूं,

वो फ़ौलादी इरादों से इरादे तोल देती है।

                             तीन

गगन के वक्ष पे मधुरिम मिलन की प्यास लिख देना।

धरा का दर्द में डूबा हुआ, इतिहास लिख देना।

निरन्तर क़ैद में बुलबुल के घायल पंख कहते हैं,

मेरे हिस्से में इक छोटा सही, आकाश लिख देना!

कभी मुफ़लिस की आंखों में, तुम्हें पतझड़ दिखायी दे,

नयन से सींचकर धरती पे तुम मधुमास लिख देना।

तुम्हें मज़लूम के लाचार अश्कों की क़सम ‘जौहर’

ग़ज़ल में सिसकियाँ भरता हुआ एहसास लिख देना।

 

जितेन्द्र ‘जौहर’ के बारे में

जन्म- 20.07.1971

जन्मस्थान- छिबरामऊ, जिला-कन्नौज (उ.प्र.)

शिक्षा- एमए (अंग्रेज़ी), बीएड

सम्प्रति- अंग्रेज़ी-अध्यापन (एबीआई कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र, उप्र )

पत्राचार- आई आर-13/6, रेणुसागर, सोनभद्र-231218, मोबा.-09450320472.

ईमेल- jjauharpoet@gmail.com

साहित्यिक गतिविधियां, उपलब्धियां

लेखन-विधाएं- गीत, ग़ज़ल, दोहा, मुक्तक, हाइकु, मुक्तछंद, व्यंग्य, समीक्षा, भूमिका, आलेख, लघुकथा आदि। अंग्रेज़ी में समानान्तर लेखन।

सक्रिय योगदान- संपादकीय सलाहकार ‘प्रेरणा’ (शाहजहांपुर), विशेष सहयोगी ‘प्रयास’ (अलीगढ़), विविधा’ (उत्तराखण्ड)।

ईटीवी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘गुदगुदी’ में अनेक एपीसोड, आकाशवाणी एवं वेब मैगज़ीन्स पर दर्जनाधिक प्रसारण, वीडियो एलबम में फ़िल्मांकित गीत शामिल, वीडियो मैगज़ीन एवं सिटी चैनल्स पर काव्य-पाठ।

काव्य मंच- संयोजन एवं प्रभावपूर्ण संचालन/ओजस्वी एवं हास्य-व्यंग्यपूर्ण काव्य-पाठ।

प्रकाशन- दर्जनाधिक समवेत संग्रहों में रचनाएं एवं भूमिका-लेखन। देश-विदेश की लगभग 200 प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।

अनुवाद- अंग्रेज़ी कथा-संग्रह ‘ऑफ़रिंग्स’ का हिन्दी अनुवाद।

संपादन- ‘अशोक ‘अंजुम’ व्यक्ति एवं अभिव्यक्ति’ के अतिरिक्त 3 कृतियों का संपादन।

काव्य-रचनाएं संगीतबद्ध एवं गायकों द्वारा गायन, राष्ट्रीय/प्रान्तीय/क्षेत्रीय स्तर पर साहित्यिक/सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के निर्णायक-मण्डल में शामिल, विद्यालयों/महाविद्यालयों में ‘फ़ोनेटिक्स/सेल्फ़-डेवलॅपमेंट/कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेजे़ण्टेशन स्किल’ विषयों पर कार्यशालाओं का आयोजन एवं मुख्य वक्ता के रूप में प्रभावपूर्ण भागीदारी।

सम्मान-साहित्यश्री, पंडित संतोष तिवारी स्मृति सम्मान, नागार्जुन सम्मान, साहित्य भारती, महादेवी वर्मा सम्मान आदि।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]