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श्रीकृष्ण का मार्ग अपनाएं, अन्नकूट गोवर्धनोत्सव

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गोवर्धनोत्सव-Goverdhnutsav

लखनऊ। कर्तव्य फाउण्डेशन ने बाबू बनारसीदास सामुदायिक केन्द्र पुराना किला पर अन्नकूट गोवर्धनोत्सव का आयोजन किया। मनकामेश्वर मन्दिर की महंत दिव्या गिरी एवं वृन्दावन से पधारे पंडित नीरज शर्मा ने गोवर्धनधारी भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद लगाया। इस अवसर पर महंत दिव्या गिरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज संरचना एवं भारतीय संस्कृति में त्योहारों की महत्वपूर्ण भूमिका है, त्योहार सुख, शान्ति, समृद्धि के घोतक हैं, दीपावली के साथ पांच और त्योहार जुड़े हैं, धनतेरस स्वास्थ्य का, दीपावली समृद्धि का, गोवर्धन/अन्नकूट कर्म एवं विकास का संदेश देता है तो भाईदूज पारिवारिक संरचना को सम्बल देता है।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने कहा कि जिन महापुरूषों ने जन्म से लेकर मृत्यु तक समाज के लिए जीवन जिया वह समाज के लिए भगवान हो गया, आत्मा का परम विकास ही परमात्मा है। श्रीकृष्ण का जन्म जेल में और मृत्यु जंगल में हुई, उनके सम्पूर्ण जीवन का विश्लेषण करें तो जिनके लिए जीवन उत्सव और मृत्यु महोत्सव है, ऐसे कृष्ण का स्मरण करते हुए साधारण व्यक्ति के मन में भाव आ सकता है, ‘ये गर्व भरा मस्तक मेरा जरा चरण धूल तक झुकने दें’, अर्थात अपने अन्दर जितनी नम्रता आयेगी व्यक्ति उतना ही प्रगति पथ पर अग्रसर होगा। भगवान कृष्ण के सम्पूर्ण जीवन से शिक्षा प्राप्त होती है कि समाज के अन्दर व्यक्ति का व्यक्तिगत, पारिवारिक जीवन के लिए फैमिली वाइब्रेशन, सामाजिक जीवन जीने के लिए सोशल वाइब्रेशन और देश के लिए जो नीति बनाते हैं उनके लिए पोलिटिकल वाइब्रेशन होना अत्यंत आवश्यक है। भारत के ऋषि मुनियों ने हम सबको त्योहारों के रूप में वैज्ञानिक पथ प्रदान किया है।

अखिल भारतीय किसान संघ के संरक्षक ठाकुर संकटा प्रसाद सिंह ने कहा कि गोवर्धन पर्वत उठाकर गायों की पूजा कराकर कृष्ण ने कृषि आधारित अर्थ व्यवस्था के लिए और प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की प्रेरणा दी है। आज ऐसा समाज बनाने की आवश्यकता है जो अपने पशुधन, नदी, तालाब, कृषि और वनस्पतियों के महत्व को समझते हुए देशानुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकास करे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण ने कहा कि अन्नकूट पुरूषार्थ के बल पर कामयाबी पाने की राह दिखाता है, किसी बड़े लक्ष्य को पाने के लिए सामूहिक संगठित और धैर्यपूर्वक निरंतर प्रयास अत्यंत आवश्यक है, यही गोवर्धनपूजा का संदेश है जिसे अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।

फाउण्डेशन के अध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि अन्नकूट सामाजिक समरसता और आपसी एकजुटता से समाज के अन्तिम विन्दु पर खड़े व्यक्ति के विकास का एक प्रयास है। कार्यक्रम संयोजक मनीष मिश्र ने अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजा के इतिहास और कथाओं का वर्णन करते हुए इसके पूजन एवं महत्व को बताया। कार्यक्रम का संचालन फाउण्डेशन के महासचिव हरनाम सिंह ने किया, जिसमें दुबई से आयी नेहा शर्मा, लखनऊ की संध्या जैन, अर्चना शर्मा, पियुषिका सिंह ने भजन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में लोगों ने सामूहिक छप्पन भोग का प्रसाद ग्रहण किया। भारत माता की आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सुभाषचन्द्र अग्रवाल ने आभार ज्ञापन किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से, गुरूदयाल चन्द्र मेहता, सहकार भारती के विवेकानन्द दीक्षित, विभाग प्रचारक डॉ उमेश, विधायक सुरेश चन्द्र तिवारी, श्रीकृष्ण गोयल, अरूण सिंघल, विपिन मिश्र, रेनू शर्मा सतरूद्र, आशीष कुमार, पंकज अग्रवाल, अरूण अग्रवाल, प्रतिमा खन्ना, रमाकान्त जायसवाल, विपिन मिश्र, गुलशन जौली, राव नरेन्द्र सिंह, रितेश आदि उपस्थित थे।

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