स्वतंत्र आवाज़
word map

उत्तराखंड को देश का आदर्श राज्य बनाएं-निशंक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

डॉ रमेश पोखरियाल निशंक

देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्य गठन की दसवीं वर्षगांठ पर प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए आह्वान किया है कि सब मिलकर राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड को देश का आदर्श राज्य बनाने का संकल्प दोहराएं। मुख्यमंत्री ने दैवीय आपदा में मृत लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा की सरकार ने इस आपदा के कारण राज्य गठन कार्यक्रम को सादगी पूर्ण मनाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन का मकसद इस क्षेत्र की विशिष्ट पहचान के अनुरूप राज्य का समग्र विकास करना था। इन उद्देश्यों में पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने, मातृशक्ति और सभी वर्गों को उचित सम्मान देना था। इन्ही जनभावनाओं का सम्मान करते हुए तत्कालीन केन्द्र सरकार ने देश के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखण्ड का गठन किया। इन्हीं उद्देश्यों और शहीदों के सपनों को मूर्त रूप देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। ‘सबका हित’ हमारा ‘मिशन’ है, जनता को ‘बुनियादी सुविधाएं’ उपलब्ध कराना हमारा ‘संकल्प’ है। ‘विजन 2020’ की परिकल्पना के अंतर्गत प्रदेश के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी नवोदित राज्य उत्तराखण्ड ने इतने कम समय में विकास के नये आयाम स्थापित किये हैं। पृथक उत्तराखण्ड राज्य गठन के समय से अब तक प्रदेश ने अवस्थापना एवं सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। नवोदित राज्यों में तो उत्तराखण्ड शीर्षस्थ है ही, राष्ट्रीय स्तर के विकास सूचकांक में भी उत्तराखण्ड कई क्षेत्रों में अग्रणी है। राज्य ने अपने 65 प्रतिशत वन और दुरूह भौगोलिकता के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास दर में देश में तीसरा राज्य होने का गौरव हासिल किया है। प्रदेश की विकास दर राज्य बनने के समय 2.9 प्रतिशत थी, विकास दर में 3 गुना से अधिक वृद्धि करते हुए प्रदेश ने 9.5 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल की है। बीस सूत्री कार्यक्रम में देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। केन्द्रीय योजना आयोग के अध्ययन के अनुसार घरेलू पर्यटकों की संख्या की दृष्टि से हिमालयी राज्यों में उत्तराखण्ड प्रथम स्थान पर और देश के समस्त राज्यों में सातवें स्थान पर है।
केन्द्रीय योजना आयोग से उत्तराखण्ड राज्य के लिए लगातार बढ़ी हुई वार्षिक योजना स्वीकृत कराने में सरकार ने सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2001-02 में योजना का आकार रूपये 1050 करोड़ था, जो वित्तीय वर्ष 2010-11 में बढ़कर रूपये 6800 करोड़ हो गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य को 360 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता भी मिली है। प्रदेश सरकार के सुदृढ़ वित्तीय प्रबन्धन से प्रभावित होकर तेरहवें वित्त आयोग से वर्ष 2010 में 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रोत्साहन के रूप में मंजूर की गई है। राजस्व प्राप्ति लगभग 200 करोड़ रूपये से बढ़कर 11342.45 करोड़ रूपये हो गई है। उत्तराखण्ड में प्रचुर मात्रा में जड़ी-बूटियां, सगंध पादप, फलदार वृक्ष हैं, जिनके बेहतर दोहन से बेमौसमी सब्जी, फल, फूल आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की गई है। ऊर्जा के क्षेत्र में 35 सालों से लम्बित बहुउद्देशीय जमरानी बांध परियोजना के लिए भी प्रभावी पहल की गई है। राज्य में पूंजी निवेश 95 करोड़ रूपये से बढ़कर 26 हज़ार करोड़ रूपये हो गया है। पंतनगर, हरिद्वार, सितारगंज एवं सेलार्कुइं में कई औद्योगिक आस्थान स्थापित हुए हैं। पहली बार विशेष पर्वतीय औद्योगिक प्रोत्साहन नीति लागू की गई है।
मुख्यमंत्री ने अपने रिपोर्ट कार्ड में कहा है कि राज्य सरकार ने हवाई सेवा से पर्यटन स्थलों को जोड़ा है। हैली टूरिज्म को भी प्रोत्साहित किया गया है। उत्तर प्रदेश से आने वाले 4 हजार पुलिस कर्मियों के स्थान पर स्थानीय चार हजार नौजवानों की भर्ती की जायेगी। राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाखों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार-स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों में होने वाली समूह ‘ग’ की भर्ती के लिए अब राज्य के सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। समूह ‘ग’ के कई पद लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर किए गए हैं। चयन प्रक्रिया में मुख्यतः उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, भौगोलिक परिवेश से सम्बन्धित जानकारी की अनिवार्य बनाया गया है। पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। समूह ‘ग’ के पदों में साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किया गया है। अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में उत्तर शीट की कार्बन प्रति परीक्षा के पश्चात अपने साथ ले जाने की अनुमति भी दी गई है।
राज्य सरकार ने 'अटल आदर्श ग्राम योजना' शुरू की है। इस योजना में ग्राम स्तर पर समस्त अवस्थापना सुविधाएं, मसलन बिजली, पानी, चिकित्सा स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी। व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु व्यापार मित्र का गठन किया गया है। वैट प्रणाली का सरलीकरण किया गया है। राज्य आन्दोलन में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभायी है। राज्य सरकार ने पहली बार महिलाओं को सम्मान देते हुए पंचायत स्तर पर उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की है। नन्दादेवी कन्या योजना शुरू की गई है। गौरा देवी कन्याधन योजना के तहत सरकार ने बीपीएल परिवार की इंटरमीडिएट उत्तीर्ण बालिकाओं को 25 हजार रुपये की एफडी देने का निर्णय लिया है। सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को पूर्ण सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से ‘जय जवान आवास योजना’ भी शुरू की गई है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]