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नई दिल्ली। आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा है कि स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, शहरी गरीबों के लिए दिहाड़ी एवं स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए प्रयासरत है। अपने मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले करीब दो दशकों में उदारीकरण एवं वैश्वीकरण की नीति से आर्थिक वृद्धि की नयी ऊंचाई देखी गयी है लेकिन इसके साथ असंगठित क्षेत्र का भी विस्तार हुआ है।
उन्होंने कहा कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में समग्र विकास की संकल्पना है। राष्ट्रीय असंगठित क्षेत्र उद्यमिता आयोग ने असंगठित क्षेत्र में काम की स्थिति एवं जीविका का संवर्धन नामक अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में 92 फीसदी गरीब असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। यह स्थिति शहरों में ज्यादा है। सैलजा ने कहा कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 61 वें चरण परिणाम बताते हैं कि 15 से 29 वर्ष की आयु के केवल दो प्रतिशत लोगों ने औपचारिक व्यवसायिक प्रशिक्षण लिया। अगले आठ फीसदी लोगों ने अनौपचारिक व्यवसायिक प्रशिक्षण लिया। इससे पता चलता है कि बहुत कम युवक किसी भी तरह के औपचारिक व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ काम की दुनिया में प्रवेश करते हैं।
उन्होंने कहा कि अनुमान बताते हैं कि 2015 तक के चीन के उत्पादक उम्र वर्ग के 60 करोड़ लोगों की तुलना में भारत उत्पादक वर्ग के 80 करोड़ लोगों के साथ एक युवा भारत के रूप उभरेगा। बैठक में सदस्यों ने स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना जैसी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को ऋण देने के तौर तरीकों पर चिंता जतायी। सदस्यों का कहना था कि ऋण संबंधी प्रक्रिया में लंबा समय लगता है और उसमें सुधार की आवश्यकता है। बैठक में लोकसभा से एटी नाना पाटिल, डॉ चार्ल्स डियास, खिलाड़ीलाल बैरवा, चौधरी लाल सिंह, पीसी गड्डिगौडार, पीटी थामस, श्रीपाद नायक, वीरेंद्र कश्यप और राज्यसभा से थंगवेलु और स्थायी आमंत्रित सदस्य रणवीर सिंह प्रजापति ने हिस्सा लिया।