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चमोली के गांवों का भूस्खलनों से बदला भूगोल

पिंडर घाटी में भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की जरूरत

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चमोली मे भूस्खलन

चमोली-उत्तराखंड। इस वर्षाकाल में यूं तो पूरे उत्तराखंड में बड़े स्तर पर भूस्खलन हुए हैं। पूरा उत्तराखंड ही भूकंप के 4 और 5 जोन में आता है, जोकि काफी खतरनाक स्थिति है। इन भूस्खलनों से उत्तराखंड के कई बड़े और प्राचीन क्षेत्र ध्वस्त और कमजोर हुए हैं। यहां का भूगोल ही बदल गया है। चमोली जिले की पिंडर घाटी में तो पिंडर नदी के किनारे के गांवों में भूस्खलन से काफी तबाही हुई है जिसका फिर से सर्वे होना बहुत जरुरी माना जा रहा है। जानकारी में आया है कि इस क्षेत्र के भूस्खलनों और नुकसानों को प्रशासन ने काफी कम करके आंका है। यह अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है जिसकी काफी उपेक्षा की जा रही है। यहां मांग की जा रही है कि इस क्षेत्र में हुए नुकसान का विशेषज्ञों से आंकलन कराया जाए तदनुसार मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक यहां के पुर्नवास एवं विकास का कार्य कराएं।

इसी संदर्भ में माटू जनसंगठन के दिनेश मिश्रा, घनानंद देवराड़ी और विमल भाई ने नवंबर 2010 में पैठाणी, पैनगढ़, सुनाऊ, देवालगढ़, सूना, थराली, चेपडू, नंदकेसरी, इच्छोली, हाटकल्याणी, तलौर, पद्मल्ला आदि गांवो की यात्रा की। इसके अलावा विभिन्न गांवो कोठी, घौड़, खिरकोट, बीराधार, अट्ठू, बोरागाड़, चैड़, कुन्नीपार्था, मिलखेत, सोरीगाढ, नलधूरा, सवाढ़, थर्मलचोटिंग, लौसरीबाण, मंडोली, खेसबलाड़, पिनाउ, बाख, हरमी, उलंघरा, टूडरी, कोठा आदि के ग्रामीणों से बात कर और स्थिति को देखकर पाया कि इन सभी गांवो की खेती की भूमि बुरी तरह धसक चुकी है। गदेरो में भूस्खलन हुआ है। मकानों में दरारें आयी हैं। गांवों के रास्ते टूटे और धसके हैं। ये तो सतही आंकलन है पर स्थिति इससे भी ज्यादा नाजुक है। पिंडर घाटी के अधिकतर गांवो की भी स्थिति ऐसी ही है।

पैनगढ़ गांव को जाने वाले पुल से गांव तक के सारे पहाड़ पर भूस्खलन साफ दिखाई देता है। सुनाऊ गांव एक पुराने भूस्खलन की मिट्टी पर है। लगभग 150 साल पहले यहां पर हुए भूस्खलन के कारण पूरा गांव स्थानांतरित हो गया था। बाद में दूसरी जगह से लोग यहां आकर बसे हैं इस भूस्खलन में यहां भूमि में और कमजोरी आई है। ग्राम पंचायत सूना के मुख्य गांव के नीचे से भूस्खलन और अगल-बगल एवं ऊपर-नीचे की कृषि योग्य भूमि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। सभी तोकों और सभी गदेरों में भूस्खलन हो गया है। चैंणा गधेरे से थराली गांव की मुख्य कृषि भूमि क्षतिग्रस्त और सेवटा गधेरे से बांजा तोक की कृषि भूमि क्षतिग्रस्त है। मगेरा गधेरा से स्कूल जाने का रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। खाली गेदेरे के आर-पार गोशाला के ऊपर से कृषि योग्य भूमि पर भूस्खलन हुआ है।

गाडच्यूं गदेरे के बिनायक मंदिर के पास से भूस्खलन के कारण कल्याणी गैर के आस-पास की भूमि क्षतिग्रस्त और आवासीय मकानों की खतरा हुआ है। शोडिंग ग्राम सभा के चारों ओर भूस्खलन हुआ है। देवसारी के सिमार तोक के चारों तरफ और नदी के किनारे से अभी भी भूस्खलन हो रहा है। यहां सभी मकानों में दरारें आ गई हैं। कई जगह जैसे- सूना गांव में लोग तम्बुओं में रह रहे हैं। पद्मल्ला में मकान ढह गया जिसमें एक लड़की की मृत्यु हुई और वहां बंधी गाय-बछड़ी मारी गई। कुन्नीपार्था गांव की स्थिति तो और भी खराब है। उसके तो पूरे ही विस्थापन की आवश्यकता है। सुना है कि यहां के उपजिलाधिकारी ने क्षेत्र के सुरक्षित होने की उत्तराखंड शासन को रिपोर्ट भेजी है जोकि तथ्यों से परे है। स्थानीय लोगों का इसके विरोध में देवाल ब्लाक पर धरना चल रहा है।

चूंकि देवाल में देवसारी जलविद्युत परियोजना प्रस्तावित है और उसकी सुरंग इन्ही गांवो पैठाणी, पैनगढ़, सुनाऊ, देवालगढ़, सूना, थरालीए कुन्नीपार्था, चेपडू, नंदकेससरी आदि के नीचे से होकर पैठाणी तक प्रस्तावित है इसलिये भी यह आवश्यक हो जाता है कि आज की परिस्थिति में इस क्षेत्र की पूरी भूगर्भीय जांच हो। टिहरी बांध के जलाशय के रिम क्षेत्र की स्थिति सामने है। ऐसा इस क्षेत्र में नही होना चाहिए। भविष्य में पिडंर घाटी को बड़ी बर्बादी से बचाने के लिये जरुरी है कि अभी से समस्याओं का आंकलन हो और आवश्यक ट्रीटमेंट किया जाए। इसके लिए किसी विशेषज्ञ जांच दल से सर्वे कराकर यहां की पुर्नवास और विकास योजनाओं पर कार्य किया जाए। सर्वे में आज की स्थिति के साथ इस क्षेत्र की पुरानी रिर्पोटों का भी संज्ञान लिया जाना चाहिए और सर्वे में सामाजिक संगठनो एवं गांव के लोगों की सूचनाओं, उनके विचारों और सुझावों को प्राथमिकता देने की भी बहुत आवश्यकता है। ग्राम-हाटकल्याणी पोस्ट देवाल जिला-चमोली के माटू जनसंगठन के लोग यहां के लोगों के पुर्नवास और अवस्थापना के लिए दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से निवेदन किया है कि वे यहां की स्थिति की पूरी जानकारी का संज्ञान लेते हुये यहां के लोगों को भयानक संकट से उबारें।

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