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यूपी में दलित कल्याण की फरवरी में समीक्षा

गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई-पुनिया

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मेरठ। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र के सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में दलितों के कल्याण के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के किर्यान्वयन और दलितों की स्थति की समीक्षा फरवरी में की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि गड़बड़ी पाए जाने पर आयोग सख्त से सख्त कदम उठाएगा। पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक दलित महिला मुख्यमंत्री होने के बाद भी प्रदेश में दलितों पर अत्याचारों का बढ़ना निंदनीय बताते हुए कहा है कि एससीपी के पैसों पर आयोग की पूरी नज़र है, इन पैसों की मार्किंग करने के लिए योजना आयोग, समस्त मंत्रालयों एवं सभी राज्यों एवं यूनियन टेरिटरी स्टेटों की सरकारों को लिखा जा चुका है। पीएल पुनिया ने अनुसूचित जाति जागरूकता अभियान की यहां के अतिथि बैंक्वेट हॉल से शुरूआत की। यह अभियान दलितों को न्याय और उनकी उपेक्षा की सुनवाई के लिए शुरू किया गया है। इसमें सभी लोग भाग ले रहे हैं।
पीएल पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं कई अन्य सरकारों ने एससीपी के पैसों को राज्य में कई ऐसी योजनाओं पर खर्च किया है जिनसे अनुसूचित जाति वर्ग का भला कतई सम्भव नहीं हो सकता, इस संबंध में आयोग जल्द ही सभी राज्यों में रिव्यू करेगा और संचालित योजनाओं की पूरी पड़ताल की जाएगी, यदि कोई सरकार इसमे दोषी पाई जाती है तो आयोग उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य का रिव्यू अगले माह फरवरी में कर लिया जाएगा। उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण का महत्व और उसकी आवश्यकता बताई और कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनियों में अधिकांश पैसा सार्वजनिक क्षेत्र एवं सार्वजनिक बैंकों या सरकार का होता है, यदि निजी कंपनियां आरक्षण के लिए अपनी सहमति नहीं जताती हैं तो इस पर कानून बनाने के लिए जोर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आयोग की सक्रियता को देखते हुए मायावती सरकार भी सक्रिय हो गई है और यह दिखाने की असफल कोशिश कर रही है कि बसपा सरकार दलितों का हित चाहती है और उनके लिए काम कर रही है जबकि वह दलितों को केवल गुमराम कर रही है। पुनिया ने यह भी कहा कि मायावती सरकार चाहे तो वह दलितों के हितों का सारा क्रेडिट ले ले, इसमें कोई राजनीति नहीं है, मैं तो इसी से संतुष्ट हूं कि जो मेरा उद्देश्य है सरकारों को अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों का हितकारी बनाना, वह सफल हो रहा है। पुनिया ने उप्र सरकार से आयोग को सहयोग देने की अपील की और कहा राहुल गांधी जैसे नेता यदि किसी दलित के घर जाते हैं तो सरकार को इसका स्वागत करना चाहिए।
पुनिया ने राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण कोटा पूरा किये जाने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के आंकड़ो के अनुसार 23 प्रतिशत आरक्षण से बढ़कर 23.95 प्रतिशत भर्तियां की गई हैं, लेकिन यदि नौकरियों को क्लास वाईज देखा जाए तो प्रथम श्रेणी में आरक्षण 12.17 प्रतिशत, द्वितीय श्रेणी में 15.03 प्रतिशत, तृतीय श्रेणी में 17.77 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी में 37.95 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने मायावती सरकार से सवाल किया है कि वह प्रथम श्रेणी में निर्धारित आरक्षण पूर्ण करने में क्यो असमर्थ रही है, इसके कारणों की आयोग जांच एवं कार्रवाई करेगा।
पुनिया ने जागरूकता अभियान के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित लोगों को उनके अधिकार और विभिन्न मंत्रालयों में उनके लिए चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति को उत्पीड़न के 22 अपराधों में आर्थिक सहायक मिलने का प्राविधान है। उन्होंने इन सभी मामलों में आर्थिक सहायता की धनराशि को बढ़ाने की मांग की हुई है और इसे संसद में उठाया जा चुका है, जिस पर निर्णय विचाराधीन है।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक जय नारायण शर्मा, जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अशोक त्यागी, बाल्मीकि अमरदीप चंदोला अध्यक्ष, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास परिषद्, छात्र नेता मनोज जाटव, पीसीसी सदस्य हाजी जलाउद्दीन, उज्जवल अरोड़ा उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी, मनजीत सिंह कोछड सचिव पीसीसी, ब्लॉक अध्यक्ष शारदा देवी, पूर्व विधायक हरशरण सिंह जाटव, सुरेन्द्र पंजाबी पीसीसी सदस्य, मसूर अहमद सदस्य एआईसीसी, महेन्द्र सिंह धानुक सदस्य एआईसीसी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उप निदेशक बसाक, बीएसएनएल एससीएसटी एम्पलाईज एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं विभिन्न संस्थाओं के गणमान्य लोग भी मौजूद थे।

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